ग्राम समाचार, बौंसी, बांका।
आज के बदलते समय के साथ लोगों के जीवन में काफी सकारात्मक बदलाव आया है। मगर इस बदलाव की दूसरी ओर इंसान की मानसिकता भी बिगड़ती गई है। वर्तमान समय कितनी कठिनाइयों से गुजर रहा है। पहले तो नोटबंदी से जनता तबाह हो गई। कितने गरीब किसान अपने अरमान के लिए एक-एक पाई पैसे घर में जमा करते थे। यह सोच कर कि, इस बार जमीन खरीद लूंगा या लड़की की शादी करूंगा। मगर नोटबंदी की ऐसी हवा चली कि वह पैसा चंद
कागज़ के टुकड़े में तब्दील हो गया। कितने गरीब इंसान, कितने गरीब किसान इस सदमे में भगवान को प्यारे हो गए। फिर जीएसटी, फिर पेट्रोल डीजल की कीमतों में दिनोंदिन बढ़ोतरी, फिर गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से जनता परेशान थी,कि फिर कोरोना महामारी ने सरकार से लेकर जनता तक की कमर तोड़ डाली। मगर इतनी विडंबना के बाद भी आज बाजार में दुकानदारों, बिजनेसमैन इत्यादि की मानसिकता में बदलाव नहीं आया। आज बाजार में दुकानदार ₹1 का सिक्का नहीं लेते हैं। जबकि सरकार का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि ₹1 का सिक्का नहीं चलेगा। मगर फिर भी बाजार में दुकानदार ₹1 का सिक्का नहीं लेते हैं। जबकि बंगाल, झारखंड में ऐसा नहीं है। वहां एक रुपए लेने में कोई आपत्ति नहीं जताते हैं। पर बौंसी बाजार से लेकर गांव में भी दुकानदार ₹1 का सिक्का नहीं लेते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि, भिखारियों के पास बहुत सा ₹1 का सिक्का रखा है। यह ₹1 का सिक्का उनके किसी काम का नहीं है और वह भूखे मरने के लिए विवश हैं। अब तो यही स्थिति है कि, भिखारी भी ₹1 का सिक्का लेने से मना करते हैं। जब उनके द्वारा ₹2 मांगा जाता है तो उन्हें फटकार के अलावा कुछ नहीं मिलता। वह भी मजबूर हैं, क्योंकि ₹1 का सिक्का उनके किसी काम का नहीं। मगर बाजार से लेकर गांव तक के दुकानदार ₹1 का सिक्का लेने से इनकार करते हैं। ऐसी परिस्थिति में स्थानीय प्रशासन को इस पर हस्तक्षेप करना चाहिए। जबकि सरकार का ऐसा कोई नियम एवं निर्देश नहीं है कि ₹1 का सिक्का नहीं चलेगा। वहीं स्थानीय विभिन्न बैंकों के मैनेजर से बात करने पर उन्होंने कहा कि, ऐसा कोई रूल और गाइडलाइन नहीं है कि, ₹1 का सिक्का नहीं लेना है। अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय प्रशासन को माइकिंग करवा कर कड़ा निर्देश देना चाहिए,कि जो कोई दुकानदार ₹1 का सिक्का नहीं लेंगे उस पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि लोगों को इस समस्या से निजात मिल सके।
कुमार चंदन, ग्राम समाचार संवाददाता, बौंसी।
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