Rewari News : MBBS कोर्स की फीस में बढ़ौतरी से आम आदमी का डॉक्टर बनने का सपना टूटा : फैडरेशन

ऑल हरियाणा शेड्यूल कास्ट एम्प्लॉइज फैडरेशन ने हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और पीजी कोर्स की फीस में बीस गुना बढ़ोतरी का विरोध किया।  यह फीस वर्तमान में 53 हजार रुपये है। अब इस सत्र से हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश पाने वाले प्रत्येक छात्र को 10 लाख रूपए का बॉन्ड जमा करना होगा। 


फैडरेशन के  राज्य वरिष्ठ उपप्रधान भगतसिंह सांभरिया , जिला प्रधान आर. पी. सिंह दहिया व जिला महासचिव अमरजीत छुरियावास ने कहा कि  इन जमा करवाए जाने वाले बॉन्ड में पहले साल की फीस अब 80000 रु., द्वितीय वर्ष 88000 रु., तीसरे वर्ष 96000 और अंतिम वर्ष की फीस 1,06480 रु. होगी। यह फीस वृद्धि इसी सत्र से लागू होगी। इसी तरह पीजी कोर्स का शुल्क प्रथम वर्ष में बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है। द्वितीय वर्ष के लिए 1.50 रु. लाख और तीसरे वर्ष के लिए 1.75 रु. लाख। इसे अगले सत्र से लागू किया जाएगा।  बॉन्ड के रूप में सरकार हर साल 10 लाख रुपये की व्यवस्था करेगी। चार साल में लगभग चालीस लाख रु (जेब से 3,71280) और बाकी का कर्ज होगा। लोन पर 6 प्रतिशत ब्याज लगभग 15 लाख होगा। परिणामस्वरूप विद्यार्थी को लगभग 55 लाख का भुगतान करना होगा। पास होने के बाद, अगर उसे हरियाणा सरकार की नौकरी मिल जाती है। सरकार बांड की किस्तों का भुगतान करती है। लेकिन सरकार हर पास को नौकरी देने के लिए बाध्य नहीं है। फिर पास आउट डॉक्टर को सात साल में एक साल के बाद वापस भुगतान करना होगा। एमबीबीएस छात्र की फीस में इतनी बड़ी वृद्धि से छात्र के परिवार पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ेगा। हरियाणा की अधिकांश आबादी दौड़ से बाहर हो जाएगी। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि एससी, बीसी एवं अन्य गरीब श्रेणी के आरक्षित छात्रों पर भी यह फीस बढोतरी ज्यों की त्यों थोप दी गई है।शायद ये सरकार नही चाहती कि गरीब तबके के बच्चे डॉ बने । इसके विपरीत एनआरआई उम्मीदवारों के लिए फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।एक तरह से हरियाणा सरकार ने इस सीमा तक फीस बढ़ाकर सरकारी मैडिकल कॉलेजों का ही निजीकरण कर दिया है। जबकि निजी मेडिकल कॉलेजों में 5 लाख से 18 लाख वार्षिक फीस है।  मतलब साफ है कि एक तरफ तो छात्रों को प्राइवेट मैडिकल कॉलेजों की ओर धकेलकर निजी संस्थानों के मुनाफे सुनिश्चित किए जाएंगे, दूसरी तरफ धीरे-धीरे सरकारी मैडिकल कॉलेजों को बर्बाद कर दिया जाएगा।


फैडरेशन ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा है कि एमबीबीएस कोर्स और पीजी पाठ्यक्रमों की फीस बढ़ाने के इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए।  अगर समय रहते सरकार ने इस आदेश को वापस नहीं लिया तो फैडरेशन सभी संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करने पर मजबूर होगा । फैडरेशन ने सभी संगठनों से सरकार के इस आदेश का विरोध करने का आह्वान किया ।।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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