फाइल फोटो पदमश्री डॉ० दिगंबर हंसदा |
ग्राम समाचार, दुमका। पद्मश्री डॉ, दिगंबर हांसदा के निधन पर यहां शोक की लहर दौड़ गयी हैं ।मंगलबार के सुबह जमशेदपुर के करनडीह स्थित आबास में उनका निधन हो गया हैं ।भारत सेबाश्रम संघ दुमका शाखा के पाथरा स्थित आश्रम में शोक सभा आयोजित कर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनके आत्मा की शांति कामना किया हैं ।आश्रम के स्वामी नित्यब्रता नंद महाराज, बुद्धदेव गांगुली ,मनोज मिश्रा, चूंडु हेम्ब्रम, एबं आश्रम के आबासीय बिद्यालय के छात्रों शोक सभा मे उनके सेबा मूलक कर्म कांड पर बिस्तार से प्रकाश डाला हैं ।दिगंबर बाबू लालबहादुर शास्त्री स्मारक महाविद्यालय जमशेदपुर के प्राचार्य थे ।भारत सेबाश्रम संघ जमशेदपुर शाखा के साथ जुड़े थे।यहां दुमका में संघ के शाखा के स्थापना के समय से समिति के सलाहकार सदस्य थे ।बर्ष 2017 में केंद्र सरकार उन्हें पद्मश्री उपाधी से विभूषित किया हैं ।केंद्र सरकार के न्याय बिभाग के आग्रह पर उन्होंने भारतीय संविधान का संताली भाषा मे अनुबाद किये थे, जिसका कम्पोज इसी आश्रम के काली दास मुर्मू किये हैं ।बांग्ला भाषा व संस्कृति रक्षा समिति झारखंड की ओर से 21 फरबरी2018 को उन्हें नागरिक अभिनंदन दिया गया हैं।समिति के प्रदेश सचिव गौतम चटर्जी ने बताया हैं कि वह कविगुरु रबिन्द्रनाथ ठाकुर के अनुयायी थे।उनके निधन राज्य के लिये आपूर्ति क्षति हैं ।
गौतम चटर्जी, ग्राम समाचार, रानीश्वर(दुमका)
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