रोहतक, 27 अक्तूबर। ब्रिटिश रविदासिया हैरीटेज शोध समूह, इंग्लैंड के द्वारा इतिहास में गुरू रविदास के पदचिन्ह विषय पर चल रहे प्रोजेक्ट पर एक अन्र्तराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। इस शोध समूह के अध्यक्ष इंग्लैंड के ओमप्रकाश वाघा और सचिव सतपाल ने बताया कि 2027 में 650 वर्ष पूरे होने पर गुरू रविदास जन्मदिवस विश्व भर में मनाया जायेगा।
डॉ. अम्बेडकर मिशनरीज टीर्चस एसोसिएशन के अध्यक्ष और समाज शास्त्री प्रो. भूप सिंह गौड़ ने इस वेबीनार को प्रथम वक्ता के तौर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि सतगुरू रविदास भारत में सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक क्रांति के जनक थे और उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों, जातिवाद, अंधविश्वास और धर्म, भगवान पर अपने विचार व्यक्त किये तथा उन्होंने एक बेगमपुरा शहर - एक आदर्श शहर की कल्पना की और उसें मानव निर्मित सभी प्रकार के भेदभावों से दूर रखा और सभी समान मनुष्यों को जीवन यापन के साधन उपलब्ध होंगे। प्रो. गौड़ ने कहा कि गुरू रविदास जी को तथा उनके समाज को विश्व प्रसिद्ध बनाने में जालंधर स्थित डेरा सत्य खंड बल्ला की भूमिका विशिष्ट है। उन्होंने भारत के दलितों को न केवल नई सामाजिक, धार्मिक पहचान दिलवायी बल्कि अपने अधिकारों के लिये और अत्याचारों के खिलाफ लडऩे के लिये उनमें स्वाभिमान और हुनर पैदा किया। आज पूरे विश्व में इनके अनुयायी और गुरूद्वारे हैं।
प्रो. गौड़ ने बताया कि इस वेबीनार में सतगुरू रविदास से जुड़े देशों भारत, इंग्लैंड, नेपाल, बांग्लादेश, जर्मनी, स्वीडन, हालैंड, फिनलैंड, इटली, पुर्तगाल, यूएसए के शोधकत्र्ताओं ने प्रोफेसर राव सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
वेबीनार में प्रो. श्योराज, प्रो. राजेश पासवान, डॉ. सुभाष, डॉ. भानु, डा. शीतल, डॉ. काम्बले, डॉ. पूनम, प्रो. के. राजामोहन राव, डॉ. आत्माराम, डॉ. धर्मवीर, डॉ. लक्ष्मण, डॉ. अवतार सिंह, डॉ. संदीप, डा. संतोष, डॉ. रेणू किशोर, डॉ. भरभूत बोहरे, समर रैना, विकास रविदास, डॉ. राजचंद, डॉ. बलबीर, विजय, अनूप सिंह, सुखबीर हीर, गंगाप्रसाद, डॉ. कृष्णा, डॉ. श्रीराम, बलवीर, आर. पाटिल, डॉ. अरविंद, डॉ. कनोजिया आदि सहित अनेक विद्वानों ने अपने विचार रखे।
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