ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : गढ़ी बोलनी रोड स्थित सोमाणी कॉलेज मे बुधवार को नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के संबंध में एक वार्ता का आयोजन किया गया| कार्यक्रम की अध्यक्षता सोमाणी कॉलेज की प्रो सुमन यादव ने की सर्वप्रथम मुख्य, विशिष्ट एवं अन्य अतिथियों का परिचय देते हुए सभी शिक्षाविदो का स्वागत किया और नई शिक्षा नीति की मुख्य विशेषताओ पर वयाखयान दिया।
वार्ता मे वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति पर विचार विमर्श किया इसके अलावा ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा प्रोघोगिकी का न्याय सम्मत उपयोग सुनिश्चित करना कॉलेज में पाठ्यक्रम और शिक्षण शास्त्र,अधिगम सामग्री, एकीकृत, आनदयी रुचिकर, ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या कम करना और सभी स्तरों पर शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना व्यावसायिक शिक्षा, भारतीय भाषाओ, कला और संस्कृति का सर्वधन सिखने के लिए अनुकूलतम वातावरण व छात्रों का सहयोग, प्रोघोगिकी उपयोग एवं एकीकरण आदि विषयों पर चर्चा की। वार्ता मे वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति को लेकर विचार विमर्श किया।सोमाणी कॉलेज के वाईस चेयरमैन अधिवक्ता परिवर्तन सोमाणी ने अपने वक्तव्य मे इस बात पर जोर दिया की कोरोना महामारी ने शिक्षा एवं उसके साधनो के प्रयोग मे आमूल-चूल बदलाव ला दिए है इसके साथ ही नई शिक्षा नीति की भी घोषणा हो गयी है इसलिए हमे नया सत्र शुरू होने से पहले नई शिक्षा नीति से अवगत हो जाना चाहिए। इससे हमे अपना लक्ष्य स्पष्ट होगा। उन्होंने शिक्षा नीति के आरम्भ एवं ऐतिहासिक विकास पर भी जोर डाला।
कृष्णा पॉलीटेनिक कोसली के डायरेक्टर बी.एस यादव ने 'भारत मे उच्च शिक्षा के बदलते स्थापित्य की नई शिक्षा नीति' पर चर्चा की. गवर्नमेंट स्कूल बीकानेर के प्रिंसिपल मनोज कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा की नई शिक्षा नीति 21वी सदी के युवाओं के लिए हैं जिनमे अपार क्षमता है बस जरुरत है उनकी प्रतिभा को समझकर उन्हें सही मार्गदर्शन देने की जिससे की वह आत्म निर्भर भारत बनाने मे अपना योगदान दे पाए। गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक लिसाना से रामानन्द ने एकडेमिक क्रेडिट बैंक के बारे मे बताया की छात्र अब अपने अनुरूप विषय का चुनाव कर सकते है व कोर्स के क्रेडिट उस एकडेमिक क्रेडिट बैंक मे जमा होते रहेंगे जिसका इस्तेमाल अपनी डिग्री प्राप्त करने के लिए कर सकेगा। गवर्नमेंट स्कूल पदियावास के प्रिंसिपल अश्वनी मलिक ने कहा की नई शिक्षा नीति मे शिक्षा को एक सार्वजानिक सेवा माना गया है और इसका लक्ष्य मानव के बौद्धिक, सामाजिक, शारारिक, भावनात्मक और नैतिक सभी क्षमताओं को एकीकृत तौर पर विकसित करना है । कृष्णा पॉलिटेक्निक कोसली के प्रिंसिपल अजीत दायमा ने कहा की नई नीति मे मल्टीप्ल एंट्री और मल्टीप्ल एग्जिट का आप्शन दिया गया है इससे छात्र अपनी चल रही डिग्री को छोड़ कर कोई मनपसंद कोर्स ज्वाइन कर सकेंगे। इस मौके पर प्रो शिवानी, प्रो सुमित मन्दोत्रा, प्रो अमित, सुमन प्रोफेसर राजन, प्रोफेसर संदीप यादव मौजूद रहे।
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