ग्राम समाचार न्यूज : चंडीगढ़ : पहली रक्षा पंक्ति बीएसएफ के द्वारा सिपाही टैक्नीकल एसएमटी वर्कशॉप के लिए 2018-19 के साल में 207 वैकेंसी निकाली गई थी। इस लम्बी चली भर्ती प्रक्रिया का परिणाम अभी 28 अगस्त 2020 को घोषित किया गया। नतीजों को देखकर ताज्जुब हुआ कि उपरोक्त पदों वास्ते मात्र एक महिला अभ्यर्थी का चयन किया गया है।
अब सवाल यह है कि सरकार द्वारा उस महिला सशक्तीकरण पर बनी समिति की छठवीं रिपोर्ट की अनुशंसा का क्या होगा ओर साथ ही 2016 के उस ऑफिस मैमोरेंडम की पूरी तरहां से अवहेलना की गई जिसमें महिला सिपाहियों के पदों पर सीआरपीएफ व सीआईएसएफ में 33 प्रतिशत ओर बीएसएफ, आईटीबीपी व एसएसबी में 15 प्रतिशत आरक्षण संबंधित भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु आदेश जारी किया था। उपरोक्त महत्वपूर्ण घोषणा तब के केंद्रीय ग्रह मंत्री व वर्तमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा की गई थी।
महासचिव रणबीर सिंह ने उपरोक्त विषय को लेकर बीएसएफ कमांडेंट (रिक्रूटमेंट) से वार्तालाप किया कि ग्रह मंत्रालय के आदेश जिसमें की सिपाहियों की भर्ती में महिलाओं की सुनिश्चित भागीदारी तय कर आरक्षण का प्रावधान है उसके बावजूद मात्र एक महिला अभ्यर्थी का चुना जाना चिंतनीय विषय। क्या ग्रह मंत्रालय के आदेश की अवहेलना मानी जाए जिसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में महिला सिपाहियों को आरक्षण देने की बात कही गई है। जबकि आज माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा महिला सशक्तीकरण पर विशेष तौर पर जोर दिया जा रहा है। कमांडेंट (रिक्रूटमेंट) द्वारा ज़बाब में ये कहना कि उपरोक्त भर्ती प्रक्रिया सिपाही जीडी के लिए नहीं बल्कि सिपाही टैक्नीकल के लिए थी इसलिए महिला सिपाही (टैक्नीकल) कोआरक्षण लाभ नहीं मिल सकता। महोदय यहां महिलाओं की सिपाहियों के पदों पर रिजर्वेशन की बात हो रही है और बीएसएफ ने टैक्नीकल गैर-टैक्नीकल कहकर पल्ला झाड़ लिया। लगा कि सिपाही पद को भी दो-फाड़ कर विभाजित कर दिया गया जिसका खामियाजा आखिर महिला को ही भुगतना पड़ा।
कॉनफैडरेसन आफ़ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने इस संबंध में माननीय ग्रह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उपरोक्त भर्ती प्रक्रिया में महिलाओं की 15 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित एवं सम्माहित कर फिर से रिजल्ट लिस्ट जारी की जाए ओर बीएसएफ व अन्य सुरक्षा बलों में महिला सिपाहियों के आरक्षण देने के संबंध में फिर से साफ एवं स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए जाएं ताकि भविष्य में महिलाओं के सुनहरी भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो.
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