रेवाड़ी, 7 अगस्त। उपायुक्त यशेन्द्र ङ्क्षसह ने कहा कि रैडक्रास द्वारा चलाई जा रही फार्मेसी की दुकानों की दवाईयों का स्टॉक नागरिक अस्पताल के सीएमओ द्वारा गठित टीम द्वारा किया जाए, ताकि स्टॉक का सही आंकलन हो सके। डीसी यशेन्द्र सिंह सिंह जिला रैडक्रास सोसायटी की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने रैडक्रास अधिकारियों को निर्देश दिए कि रैडक्रास सोसायटी लोगों के हित में कार्य करें तभी इसका उद्देश्य सार्थक होगा। उन्होंने स्पष्टï निर्देश दिए कि रैडक्रास का कर्मचारी रैडक्रास कार्यालय में प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज कराने के बाद ही अन्य कार्य के लिए जाएं। जनवरी माह में दिव्यांगों का सर्वे रैडक्रास द्वारा करवाया गया था जिसमें 552 दिव्यांगों को एक करोड़ पांच लाख रूपए के सहायक व कृत्रिम अंग दिए जाने थे, जो कोविड-19 के कारण वितरित नहीं किए गए है। इसके लिए उपायुक्त ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए चुनिंदा लोगों को बुलाकर कैम्प का आयोजन कर दिव्यांगों को सहायक व कृत्रिम अंग दें तथा बाकि दिव्यांगों को उनके घर जाकर कृत्रिम अंग वितरित किए जाएं ताकि कोई भी दिव्यांग इससे वंचित न रहे। डीसी यशेन्द्र सिंह ने रैडक्रास की 70 दुकानों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन दुकानों में से कुछ का 80 लाख रूपए से अधिक का किराया बाकि है उसे तत्काल वसूला जाए। रैडक्रास की दुकान 11-ए के अॅलाट के बारे में उन्होंने कहा कि अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा इसकी जांच कराई जा चुकी है तथा इसमें तत्कालीन जिला रैडक्रास सचिव दोषी पाया गया है, उसके खिलाफ आगे की कार्यवाही बढ़ाई जाएं। बैठक में सचिव रैडक्रास वाजिद अली ने रैडक्रास की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर एसडीएम रेवाड़ी रविन्द्र यादव, एसडीएम कोसली कुशल कटारिया, एसडीएम बावल रविन्द्र कुमार, सीटीएम संजीव कुमार, सीएमओ डॉ सुशील माही, केएलपी कालेज के प्राचार्य डा. अभय सिंह, डीएसडब्ल्यूओ रेनू बाला, रैडक्रास सोसायटी सचिव वाजिद अली, नगर परिषद के एसडीओ अजय सिक्का, राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहें.
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