ग्राम समाचार,पाकुड़। इस वर्ष रक्षाबंधन 3 अगस्त सोमवार को है। यदि सच पूछा जाए तो कोविड-19 को लेकर रक्षाबंधन में कोई विशेष उत्साह नहीं देखी जा रही है। राखी की दुकान भी बिल्कुल सुस्त गति से चल रहे हैं ।कोरोना को ध्यान में रखते हुए कहीं भी दुकानों में पहले की तरह गुलजार व रोनक नहीं है। जो बहने दूर रहती है, गाड़ी नहीं चलने से वे अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने में असमर्थ है। इस वर्ष का शुभ मुहूर्त 324 वर्ष बाद बना है। भद्र काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का उत्सव मनाया जाता है । इस वर्ष 3 अगस्त को पूर्णिमा की तिथि रात्रि 9:27 तक रहेगी। अतः सूर्योदय से रात्रि 9:27 तक रक्षा सूत्र बांधने के शुभ मुहूर्त हैं। ज्योतिष के अनुसार जब बहन भाई के कलाई पर रक्षा सूत्र बांधे उसी समय भाई अपने बहन की दोनों पैरों की छाप ले ले और उसे दक्षिण पश्चिम कोने में लगा दे। इसे शुभ माना गया है। ज्योतिष के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन पर्व ग्रह गोचर एवं ब्रह्मांड राहु और शुक्र के संयोग के कारण धनपति योग बन रहा है। ज्योतिष बताते हैं कि ऐसा योग 324 वर्ष बाद बना है। सुपर अपनी मूल राशि वृष से दूसरे स्थान अर्थात मिथुन राशि पर बाल्यावस्था में होता है एवं शुक्र के साथ राहु भी अपनी बाल्यावस्था में चल रहा होता है। ऐसी स्थिति यदि पूर्णमासी एवं सावन में बन जाए धनपति योग बना देती है।जो संग्रह संचय एवं हर प्रकार के धन को बढ़ाने वाली होती है।सावन में भगवान शिव के आशीर्वाद से जहां एक और राहु अचानक धन योग का कारक हो जाता है वही ऐसी स्थिति में उसे मां भगवती की कृपा भी प्राप्त होने लगती है । ऐसा संजोग बड़ा ही दुर्लभ होता है। इस वर्ष या संजोग 224 वर्ष बाद बना है और इसका लाभ उठाना चाहिए।
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Pakur News: रक्षाबंधन के दिन मां भगवती की विशेष कृपा होगी, ऐसा संयोग बड़ा ही दुर्लभ होता है।
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