बेसिक स्कूल प्रांगण में परंपरागत रूप से की जा रही पूजा
इस बार नही होगी मेला का आयोजन
लाखो के बजट से होती थी पंडालो की रूप रेखा तैयार
ग्राम समाचार मिहिजाम। कोरोना का असर भगवान गणेश की मूर्ति की बिक्री पर भी देखने को मिल रहा है। गणेश चतुर्थी पर्व को ले मूर्तिकारों के यहां सन्नाटा पसरा है। पिछले वर्ष के मुकाबले प्रतिमाओं की ब्रिकी न के बराबर है। एक हफ्ते पहले से ही मिहिजाम में गणेश उत्सव की पूरी धूम रहती है, लेकिन कोरोना के चलते खरीदार गायब हैं। मिहिजाम हिल रोड मोड़ आर्ट क्लब गणेश पूजा समिति के सदस्यों ने बताया की कोरोना के चलते इस बार गणेश पंडाल के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है। सरकार ने अनुमति नहीं दी है। बता दें कि संक्रमण फैलने के खतरे के मद्देनजर सरकार ने गणेश चतुर्थी पंडाल सजाने और मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है। मालूम हो की आर्ट क्लब के तत्वावधान में गणेश पूजा के लिए भव्य एवं आकर्षक पंडाल का निर्माण किया जाता था। जिसमे लाखों बजट का रूप रेखा तैयार किया जाता था। आर्ट क्लब वर्ष 1980 से गणेशोत्सव का आयोजन करते आ रहा है। लेकिन इस कोरोना काल में इस बार सादगी के साथ बेसिक स्कूल प्रांगण में परंपरा निभाते हुए पूजा किया जा रहा है। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। जहाँ किसी प्रकार के भीड़ का आयोजन नहीं किया जाएगा। यह त्योहार पूरे भारतवर्ष में पूरे हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है। यहीं नहीं अब इस त्योहार को विदेश में रहने वाले भारतीय लोग भी मनाने लगे हैं। भाद्रपद की चतुर्थी को इस त्योहार को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश जी को विध्नहर्ता कहा गया है। इनकी पूजा से कई बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- रोहित शर्मा, मिहिजाम।
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