ग्राम समाचार, दुमका। शिक्षा अधिकार कानून में गुणात्मक शिक्षा पर बल दिया गया है। प्रखंड के सरकारी विद्यालयों में गुणात्मक शिक्षा मजाक बन कर रह गया है।उत्क्रमित मध्य विद्यालय पढ़िहारपुर के बर्ग प्रथम से आठवीं में कुल नामांकित छात्र 158 है। यहां एक शिक्षक के भरोसे आठ अलग अलग बर्ग के छात्रों का पठन पाठन राम भरोसे जारी है । यहां पदस्थापित शिक्षिका अर्चना गोराई बीरभूम जिला के सिउड़ी में रहती है, तथा वही से आना जाना कर ड्यूटी करती है। अर्चना ने अपने सुविधा के अनुसार पैरवी के बल पर प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय रानीग्राम में प्रतिनियुक्ति करा कर रखी है ।मई महीना में बीईईओ राजीव रंजन ने अर्चना की प्रतिनियुक्ति रद कर मूल विद्यालय में योगदान करने का आदेश दिया है । पर उस शिक्षिका ने आदेश के तीन महीना के बाद भी मूल विद्यालय में योगदान नहीं की हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर यहां 18 मार्च से विद्यालय में पठन पाठन बंद है। उसी समय से अर्चना यहां पदस्थापित अधिकांश शिक्षक के साथ सिउड़ी में रहती है। यहां पदस्थापित पारा शिक्षिका रमा रानी सहा विद्यालय के गैर शिक्षण कार्य मे ब्यस्त रहती है। ग्रामीणों के अनुसार रमा यहां एम डी एम की संचालन एबं एस एम सी की कार्य मे वयस्त रहती है। विद्यालय के छात्रों का पठन पाठन एक मात्र शिक्षक कौशिक कुमार चंद्र के भरोसे जारी है । जानकारी के अनुसार प्रभारी प्रधान अध्यापक कौशिक प्राथमिक स्तर के शिक्षक है।यहां बर्ग छठा से आठवीं के तीन शिक्षक का पद रिक्त है।वही प्राथमिक स्तर के भी एक पद रिक्त हैं। शिक्षा अधिकार कानून के तहत यहां 158 छात्रों के पठन पाठन हेतु छह शिक्षक की आवश्यकता है।एक शिक्षक के भरोसे यहां गुणात्मक शिक्षा तो दूर पठन पाठन राम भरोसे जारी है।पदाधिकारी बने हुए हैं अनजान: प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राजीव रंजन से विद्यालय संचालन की लचर स्थिति एबं अन्य विद्यालय में प्रतिनियुक्त शिक्षिका की प्रतिनियुक्ति रद कर मूल विद्यालय में योगदान करने का आदेश का पालन नहीं करने को लेकर प्रतिक्रिया जानने पर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है ।
गौतम चटर्जी, ग्राम समाचार, रानीश्वर, दुमका।
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