ग्राम समाचार,दुमका:मसलिया के विभिन्न गांवों में संथाल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जनसंपर्क अभियान चलाया गया। जिसमें संथाल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष माधव चंद्र महतो रविवार देर शाम आमगाछी पंचायत के तिलाबाद, दलाही, कुसुमघटा आदि गांवों में पहुंचे। उन्होंने लोगों को बताया कि जब झारखंड राज्य अलग हुआ था तब पिछड़ी जाति का आरक्षण सत्ताईस प्रतिशत था । बाद में इसमें राजनीति करके उसे चौदह प्रतिशत कर दिया। पर दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि राज्य में दुमका जैसे छः जिले ऐसे है जहां आरक्षण ओबीसी कोटि के लिए शून्य कर दिया गया है। इसका नतीजा यहां के ओबीसी बच्चे जेपीएससी से लेकर राज्य व जिला स्तर के परीक्षाओं में निरंतर पिछड़ते जा रहे हैं। जबकि ओबीसी की संख्या 54% है। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिना ओबीसी के वोट से किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बन सकती। चाहे वह बीजेपी या जेएमएम की ही क्यों न हो। इस वर्ग का हर बार सभी पार्टीयों ने 27% आरक्षण का लॉलीपॉप दिखाकर जनता से झूठा वादा कर सत्ता हासिल करके इसे ठगने का काम किया है। इसलिए अब इस सरकार को ओबीसी वर्ग एकजुटता का परिचय देकर जन आंदोलन के साथ इस मुद्दे को जन जन तक पहुंचाकर कोरोना काल के बाद 27% प्रतिशत आरक्षण को ओबीसी संघर्ष मोर्चा हाशिल करने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज का एक ही श्लोगन है जो पूर्व में भी था और अब भी है वो है जो पिछड़ों की बात करेगा वो झारखंड में राज करेगा । ओबीसी अब जाग चुका है और आगे लोग जागकर अपनी मांग को बुलंद करेंगे।
क्या है ओबीसी की प्रमुख मांगें:
श्री महतो ने लोगों को हैंड बिल बांटते हुए आबादी के अनुसार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने, अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत पंचायत चुनाव में एकल पदों का आरक्षण आबादी के अनुसार सभी वर्गों के लिए सुनिश्चित किया जाय। अन्य राज्यों की भांति झारखंड में भी पिछड़ा वर्ग आयोग एवं पिछड़ा वर्ग वित्त निगम का गठन किया जाने, राज्य सरकार से मांग करते जातिगत जनगणना कराने के लिए झारखंड विधानसभा से प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेजेने की मांग को लेकर जन सम्पर्क में निकले हैं। इस मौके पर प्रेमनाथ साधु, पार्थ कुमार गोराईं, संपत कुमार साधु, संदीप साधु, भोलानाथ साधु, प्रसेनजीत साधु, प्रदीप साधु, दनीनाथ आदि मौजूद रहे।
केसरीनाथ, ग्राम समाचार, दुमका।
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