मंदिर के नाम पर प्रधानमंत्री की राजनीति के खिलाफ भाकपा-माले ने मनाया राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस
ग्राम समाचार, भागलपुर। धार्मिक आयोजन से सरकार को बाहर रखने, धर्म से राजनीति को अलग करने, राज्य को धर्म से अलग रखने की संविधान की मूलभूत भावना का सम्मान करने एवं संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप का उल्लंघन नही करने आदि की मांगों व नारों को बुलंद करते हुए भाकपा-माले ने बुधवार को मंदिर के नाम पर प्रधानमंत्री की राजनीति के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत विरोध दिवस मनाया। स्थानीय आदमपुर, मोहनपुर, सुरखीकल, दिलदारपुर, शाहजंगी, मारुफचक आदि मोहल्लों में पार्टी कार्यकर्ताओं-समर्थकों ने पोस्टर-प्लेकार्ड के जरिए अलग-अलग विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का नेतृत्व भाकपा-माले के राज्य कमिटी सदस्य एस.के. शर्मा, नगर प्रभारी व ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, नगर सचिव सुरेश प्र. साह, जिला कमिटी सदस्य विष्णु कुमार मंडल, नगर कमिटी सदस्य उषा शर्मा, अमित गुप्ता, सैय्यद बसर अली, अमर कुमार, शांति देवी, दीपक कुमार, प्रमोद ठाकुर आदि ने किया। राज्य कमिटी सदस्य एस. के. शर्मा व नगर प्रभारी व ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने मौके पर कहा कि राज्य, राजनीति और सरकार को धर्म व धार्मिक आयोजनों से अलग रहना चाहिए। प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में शामिल होकर संविधान की मूल भावना को ठेस पहुंचायी है। उन्हें इस तरह से संविधान के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। भारत की संवैधानिक शासन के इतिहास का ये सर्वाधिक काला दिन है। भारतीय जनमानस के लिए आज खुले तौर पर अंधे युग की शुरुआत की गई है। इसका दुष्प्रभाव आने वाले दिनों में भारतीय लोकतंत्र को कलंकित करता रहेगा। धर्मनिरपेक्ष ताकतों को इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना होगा।
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