उपभोक्ता मधुशंकर, राहुल, रूपेश, अमन, रितिक और शुभम आदि ने बताया कि बिजली विभाग के कार्यरत कर्मचारी इतने लापरवाह होकर काम करते हैं जिन्हें बिजली कटने के आठ-दस घंटे के बाद ही खराबी की जानकारी मिल पाती है। जानकारी मिलने के बाद फिर उसकी मर्जी के अनुसार ही बिजली में आई खराबी को ठीक किया जाता है या फिर बहाना बना कर छोड़ दिया जाता है। बिजली आपूर्ति ठप रहने से सिर्फ श्रीरामपुर गांव के लगभग ढ़ाई हजार उपभोक्ता बिजली से परेशान रहे।
उपभोक्ताओं के मुताबिक अकबरनगर और श्रीरामपुर में मेंटेनेंस और बारिश के नाम पर बिजली अक्सर दस से बारह घण्टे तक काट ली जाती है। इस कठिनाई को दूर करने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारी लापरवाह है। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों को शिकायत के बावजूद भी बिजली आपूर्ति में तत्परता नहीं दिखायी जाती है। जिससे उपभोक्ताओं को अक्सर अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर होना पड़ता है।
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