ग्राम समाचार, भागलपुर (बिहार)
प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक 25.07.2020 दिन शनिवार को पूरनमल सावित्री देवी बाजोरिया सरस्वती शिशु मंदिर नरगा कोठी के भैया बहनों की शिशु सभा विद्यालय के प्रधानाचार्य रंजीत कुमार आचार्य की अध्यक्षता में आयोजित की गई। प्रतियोगिता में कक्षा द्वितीय से पंचम तक के भैया बहनों ने भाग लिया ।आज के शिशु सभा में संस्कृत वंदना पुस्तक पर आधारित शिशु सभा का आयोजन किया गया। शिशु सभा में भैया बहनों ने वंदना पुस्तक से दीप मंत्र ,भोजन मंत्र ,हमारी प्रार्थना, सरस्वती वंदना, गायत्री मंत्र ,भारत वंदना ,शांति पाठ ,प्रातः स्मरण एवं एकात्मता स्तोत्रम् के श्लोकों का पाठ किया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य रंजीत कुमार आचार्य ने कहा कि संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देवबाणी भी कहा जाता है। संस्कृत को विश्व की अन्य भाषाओं की जननी माना जाता है। देश और दुनिया की तरक्की और सभ्याचार में संस्कृत भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है। संस्कृत ही एक मात्र साधन है जो क्रमशः भैया बहनों के अंगुलियों एवं जीभ को लचीला बनाते हैं। संस्कृत अध्ययन करने वाले छात्रों को गणित विज्ञान एवं अन्य भाषाएं ग्रहण करने में सहायता मिलती है। इसलिए आज संस्कृत के महत्व को देखते हुए विद्यालय द्वारा आयोजित संस्कृत पुस्तक पर शिशु सभा आयोजित की गई है।
विद्यालय के संस्कृत के आचार्य शशि भूषण मिश्र ने कहा कि संस्कृत केवल एक मात्र भाषा नहीं है अपितु संस्कृत एक विचार है संस्कृत एक संस्कृति है एक संस्कार है संस्कृत में विश्व का कल्याण है शांति है सहयोग है वसुधैव कुटुंबकम की भावना है।
आज के शिशु सभा में आयोजित बंदना पुस्तक आधारित प्रतियोगिता में भैया बहनों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। भैया बहनों में उत्साह नजर आई। कक्षा द्वितीय से पंचम तक लगभग डेढ़ सौ भैया बहनों ने आज प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें प्रथम स्थान प्रकृति कुमारी द्वितीय स्थान वैष्णवी कुमारी एवं तृतीय स्थान पुष्पा रंजन ने प्राप्त किया। स्थान प्राप्त किए इन प्रतिभागियों को विद्यालय खुलने के पश्चात विद्यालय बंदना सभा में पुरस्कृत किया जाएगा।
निर्णायक का कार्य शशि भूषण मिश्र, सुबोध झा एवं अभिजीत आचार्य द्वारा किया गया।
इस अवसर पर ऑनलाइन प्रतियोगिता प्रधानाचार्य रंजीत कुमार आचार्य ,शशि भूषण मिश्र , सुबोध झा, अभिजीत आचार्य, राजेश कुमार , अमर ज्योति अमर , नरेंद्र कुमार, अंजू रानी , सुप्रिया कुमारी के देखरेख में संपन्न हुआ।
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