ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : हरियाणा सरकार द्वारा धान की फसल को वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां व फल द्वारा विविधीकरण करने के लिए *मेरा पानी मेरी विरासत* योजना चलाई जा रही है।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने बताया कि भूमिगत जल स्तर निरंतर घटने के मध्यनजर सरकार ने राज्य के धान वाले जिले इस योजना में शामिल किए है। उन्होंने बताया कि किसान अपने पिछले बोये गए धान के क्षेत्र को वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां व फल में बदल सकता है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को सरकार द्वारा 7000 रूपए प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। जिसमें फसल की बिजाई पर 2000 रुपए तथा फसल कटाई उपरांत 5000 रुपए किसानों के खाते में डाले जाएंगे।
उपायुक्त ने बताया कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत जिला में अभी तक 551 किसानों ने कपास के लिए तथा 1509 किसानों ने बाजरा के लिए पंजीकरण करवाया है। जिनका सत्यापन कृषि एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कपास के लिए कुल 467.72 हेक्टेयर क्षेत्र का पंजीकरण हुआ है। योजना की शर्तों के अनुसार 82 योग्य पात्र पाए गए हैं जिनका क्षेत्र 45.21 हेक्टेयर है। इसी तरह बाजरा की फसल के लिए 1473.72 हेक्टेयर क्षेत्र का पंजीकरण हुआ है जिसके सत्यापन का कार्य चल रहा है।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने किसान भाइयों से आह्वान किया है कि उपरोक्त योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और पानी की बचत में पूर्ण सहयोग करें।
उन्होंने किसान भाइयों से आह्वान करते हुए कहा कि उनके द्वारा चालू खरीफ मौसम में बिजाई की गई फसलों का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अवश्य करवाए ताकि किसी भी किसान को फसल बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
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