Dumka News : लॉकडाउन के बाद जादूपेटिया समाज की आजीविका संकट में

रानीश्वर के परशिमला के जादू पेटिया समाज के लोग
ग्राम समाचार, दुमका। प्रखंड के पारशिमला पंचायत के जगुडीह गांव के जादू पेटिया परिबार का आजीविका शिल्पकारी कर चलता हैं। यहां कुल नो जादू पटिया परिबार हैं।परिबार के पुरुष एबं महिलाओं ने मिलकर पीतल एबं मिट्टी का सामान तैयारी करता हैं। खास कर पूजा करने का घंटी, बच्चों का कमर में बांधने का घुंगरू, अगरबत्ती का स्टैंड, पायल, कछुआ आदि का निर्माण कर घर घर जाकर बिकता हैं ।साथ ही सामग्री का निर्माण कर बोलपुर के शांतिनिकेतन के होलशेलर के पास बिकता हैं।गांव के मकबूल जादूपेटिया ने बताया हैं कि दुमका से पुराना पीतल खरीद कर लाता हैं, उसी से सामग्री निर्माण करता हैं।सामग्री का निर्माण के पूर्ब मिट्टी का छाच बनाता हैं, तत्पश्चात उसके उपर पीतल के लेप चड़ा कर कलाकृति का निर्माण करता हैं । बताया हैं कि मौसम में आठ से दस हजार का सामान बिक्री होता हैं आप सीजन में मजदूरी कर किसी तरह गुजरा करता हैं।मकबूल के अनुसार चार पुस्त से जादूपेटिया परिबार यहा रहता हैं।इन परिबारो का कुछ खेती करने योग्य जमीन हैं । यहां के सभी 9 परिबार का अंत्योदय का राशन कार्ड हैं ।मकबूल ने बताया हैं कि उसका राशन कार्ड नहीं बना हैं ।प्रखंड स्तर से पांच लाभुक को पीएम आबास मिला हैं। मकबूल, इसुफ़, हाकिम, कुर्बान जादूपटिया को आवास नहीं मिला हैं । मार्च से अक्टूबर आठ महीना बोलपुर के बाजार में यहा के उत्पादित समान का काफी डिमांड रहता हैं ।पूंजी के अभाब में पीतल का डिमांड के अनुसार खरीददारी करने परेशानी होती हैं ।स्थानीय बैंक शाखा से लघु शिल्प के लिए ऋण भी नहीं मिलता हैं । मुखिया सबिता टुडू से मिलकर इन जादूपेटिया ने ऋण दिलाने की आग्रह किया हैं, पर आज तक स्थानीय प्रसाशन की ओर से यहां जादू पेटिया के कारोबार का बिकास को लेकर कोई पहल नहीं किया हैं।
गौतम चटर्जी, ग्राम समाचार, रानीश्वर(दुमका)
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Editor - केसरीनाथ यादव, दुमका

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