Bhagalpur News:किसानों को नहीं मिल पा रहा गेहूं का समर्थन मूल्य – चक्रपाणि

ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश महासचिव डॉ. चक्रपाणि हिमांशु ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि करोना महामारी एवं लॉकडाउन जैसी स्थिति में सरकार के घोषणा के बावजूद किसानों एवं मजदूरों का मकई एवं गेहूं का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। मकई का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1850 रुपया है। जबकि किसान से छोटे एवं ग्रामीण दुकानदार मकई 1000 रूपए प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। गेहूं 1800 रुपये क्विंटल गांव के किसानों से खरीदा जा रहा है। जबकि गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 1925 रुपया है। बिहार के सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने इसकी घोषणा 7 मई 2020 को करते हुए गेहूं को पैक्स को खरीदने को कहा था। लेकिन सरकार की यह घोषणा हवा हवाई बनकर रह गई है। देश के कई राज्यों में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तय किया गया मक्के का न्यूनतम रेट मिलना तो दूर इन्हें लागत से भी कम दाम मिल रहा है। भंडारण की सुविधा नहीं है। इसीलिए किसान मजबूरी में ओने पौने दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं। केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिए मक्के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1760 रुपए से बढ़ाकर 1850 रुपया घोषित किया है। लेकिन धरातल पर किसानों को इस घोषणा का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसान हमेशा न्यूनतम रेट ही मांगता है। इसके बावजूद भी किसानों को वह नहीं मिलता है। किसानों की हालात आत्महत्या जैसी हो गई है। ना बच्चे को अच्छी शिक्षा ना स्वस्थ व्यवस्था दें पा रहे बेचारा किसान कर्ज के मार से त्राहिमाम है। रोजगार नहीं है। बेरोजगारी भत्ता नहीं है। करोना काल में किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है। इस मामले को लेकर राजद आंदोलन  करेगा।
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Editor - Bijay shankar

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