Mihijam News (Jamtara) नाई समाज जूझ रहे आर्थिक तंगी से, कुछ दिन और रहे दुकान बंद तो खाने के लाले पड़ जायेंगे




ग्राम समाचार मिहिजाम:

लॉकडाउन निश्चित तौर पर जिले वासियों को कोरोना वायरस जैसी गंभीर महामारी से बचा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन काफी हद तक हो रहा है। इसी का परिणाम है कि जिले में अभी तक कम कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते लोगों की कमर टूटने लगी है। लॉकडाउन से शहर से लेकर गांव तक लोगों के बाल काटकर, दाढ़ी बनाकर भरण-पोषण करने वाला नाई समाज अब परेशान होने लगा है। लॉक डाउन के चलते अब घर का बजट बिगड़ गया है। वही पड़ताल में सामने आया कि कुछ दिनों तक और बंद रहा तो फिर खाने के लाले पड़ जाएंगे। अभी तो जो कुछ कमाया था किसी तरह काम चला रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होती जा रही है। नाई समाज के लोगों का यह भी कहना है कि जब सब्जी, दूध, फल, फूल, खाद्यान्न सामग्री सहित अन्य दुकानदारों को थोड़ी छूट दी जा रही है, तो आखिर नाई समाज के लोगों को क्यों नहीं दी जा रही। कुछ घंटे काम करके रुपए जुटाए तो किसी तरह से परिवार का भरण-पोषण कर पाएं। वही नाई समाज के लोगो ने कहा की समाज के कई लोग छोटी सी दुकान लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते है। इस पर सरकार को ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों के भी हालात बेहाल

नाइयों की माली हालत सिर्फ शहर में ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी खराब हो चली है। केलाही, मुर्गाटोना, कुशबेदिया, कोड़ापाड़ा सहित अन्य गांव एवं कस्बों के नाइयों की दुकानें भी बंद हैं। वे घरों में कैद हैं।

गावों में भी बंद बालों की कटाई व दाढ़ी


गांवों में सदियों से प्रथा चली आ रही है कि नाई घर-घर जाकर साल भर लोगों के दाढ़ी और बाल काटते हैं। इनके बदले उन्हें जब 6-6 माह में रबी और खरीफ की फसल आती है तो उसका पारिश्रमिक दिया जाता है ऐसे में उन्हें चिंता सता रही कि जब लोगों के बाल और दाढ़ी काटने को नहीं मिलेंगे तो फिर उनका मेहनताना कैसे मिलेगा। महामारी के चलते सदियों पुरानी प्रथा भी लॉकडाउन के चलते बंद हो गई है।

यह हैं हालात, जूझ रहे आर्थिक तंगी से


महेश ठाकुर ने बताया कि लोगों के बाल काटने का काम करता था, जिससे घर का खर्च निकल आता था। लॉकडाउन से पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। सोनू ठाकुर ने बताया कि इससे पहले वह शहर के मेन रोड में निजी सैलून की दुकान में बाल काटने का काम करता था, लॉकडाउन के कारन काफी दिनों से दुकान बंद पड़ी है जिससे परिवारों की भरण-पोषण करने में काफी दिक्कत हो रही है। सिंटू ठाकुर ने बताया की लॉकडाउन के नियमो का पालन करते हुए लगभग दुकाने खोलने की अनुमति दी जा चुकी है। सैलून खोलने की भी अनुमति दी जाएगी तो हम सभी नाई समाज के लोग भी नियमो का पालन कर अपना काम करेंगे, जिससे परिवार का भरण पोषण करने में सहूलियत मिलेगी।  

आगे की सता रही चिंता


मिहिजाम में बाल काटकर परिवार का भरण-पोषण करने वाले कमलेश ठाकुर का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान अभी रूखा-सूखा खाकर किसी तरह परिवार का पेट पाल रहे हैं, लेकिन कुछ दिनों तक और बंद रहा तो फिर भारी समस्या होगी। पूर्व में जो दाढ़ी बाल बनाकर रुपये जोड़े थे उससे काम चल रहा है, आगे की बजट गड़बड़ा गया है। इसलिए शासन को चाहिए कि अपनी सुविधा के अनुसार निर्णय ले और सभी का ध्यान रखें।

जोड़े हुए रुपए खत्म, अब आगे होगी परेशानी


मिहिजाम क्षेत्र के निवासी नरेश ठाकुर बाल की दुकान संचालित कर परिवार का भरण पोषण करता है। नरेश ने बताया कि जो रुपए पूर्व में जोड़े हुए थे उससे किसी तरह काम चला, लेकिन अब और लॉकडाउन रहा तो परिवार के भरण-पोषण की समस्या होगी। इसलिए अब धीरे-धीरे सभी को छूट मिलनी चाहिए, ताकि उनका भी जीवन यापन-चलता रहे।
रोहित शर्मा, ब्यूरो, जामताड़ा
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Editor - रोहित शर्मा, जामताड़ा

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