ग्राम
समाचार खैरा:
खैरा, श्रीपुर, गेड़िया, केशोरी,सालुका, जामदही, महुलबना,बान्दो, पुनसिया, मोहनपुर, मारालो, फुटबेड़िया, तार्रा, मथुरा,पैकबड़, निश्चिन्तपुर सहित नाला प्रखंड के बंगाली हिंदू समुदाय ने शनिवार को विधि-विधान के साथ मां
विपत्तारिणी की पूजा अर्चना किया। यह पूजा सुहागिनें पति, संतान और पूरे परिवार के कल्याण के लिए
करती हैं। रथयात्रा के बाद विपततारिणी व्रत की परंपरा रही है।
मां
विपत्तारिणी मां काली का ही एक अन्य स्वरूप हैं। विपत्तारिणी पूजा में संख्या 13 का विशेष महत्व है। इस पूजा में
वरदसूत्र (रक्षासूत्र) बांधने की परंपरा है, जो 13 दूब से तैयार किया जाता है। महिलाओं
ने उपवास रखकर इसे तैयार किया। मान्यता है कि यह सूत्र बांधने से पति व संतान पर
आनेवाली हर विपत्ति टल जाती है। जिनके विवाह में कठिनाई आ रही हो, वे भी इस दिन मां विपत्तारिणी से
मनोकामना पूर्ति के लिए पूजा-आराधना करते हैं। विपत्ततारिणी मंत्र- ऊं ह्रीं
विपत्तारिणी दुर्गायै नम:,
के मंत्रोच्चार से श्रद्धालु जन मां से
हर तरह की विपत्ति हरने की प्रार्थना करते हैं। मां विपत्तारिणी को 13 तरह के फल, फूल, मिठाई, पान, सुपार के लगाये जाते हैंl महिलाऐं
दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को व्रत
तोड़ती हैं।
विवेक
आनंद, ग्राम समाचार, खैरा
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