ग्राम समाचार जामताड़ा: परिवार की मंगल कामना के लिए शनिवार को जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मां विपद तारिणी की पूजा-अर्चना शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए भक्ति भाव से की गई। पूजा को लेकर महिलाओं ने उपवास रखा और 13 प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाकर भगवान की पूजा की और परिवार की खुशहाली की कामना की।
विपद तारिणी पूजा को लेकर जामताड़ा के चंचला मंदिर, रक्षा काली मंदिर, कोर्ट रोड स्थित दुर्गा मंदिर, पंडित ध्रुव नारायण मिश्र के आवास, दुमका रोड स्थित मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह से ही महिलाओं ने भीड़ मुक्त वातावरण में किया। कोरोना के वैश्विक महामारी के भय से सैकड़ों महिलाओं ने अपने घर पर मा बिपत्तारिणी की पूजा अर्चना की।
किसी भी मंदिरों में पूजा अर्चना को लेकर महिलाओं की लंबी कतार नहीं लगी। उपवास रखने वाली महिलाओं ने 13 तरह के पकवानों से मां विपद तारिणी की पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की। बंगाली बाहुल इस क्षेत्र में लोगों ने मां दुर्गा के तारिणी रूप की पूजा की कथा सुनकर परिवार की खुशहाली की कामना की। कथा श्रवण के दौरान पंडित ने बताया कि वर्षों पूर्व अवंतीनगर में कर्मदास नामक ब्राह्मण रहता था, जो भिक्षाटन कर जीवन व्यतीत करता था।
उनकी पत्नी स्वाहा ने एक केवट से मछली खरीदी, लेकिन तय समय में पैसा नहीं चुका पाने पर केवट ने ब्राह्मणी को खूब बुरा-भला कहा। अपमानित ब्राह्मणी ने रोते-रोते माता दुर्गा का स्मरण किया। कुछ देर बाद माता दुर्गा ने बुढ़िया का रूप धारण कर उसके दरवाजे पर आकर कष्ट पूछा। कष्ट सुनकर बुढ़िया ने उसका घर धन से भर दिया। जब ब्राह्मण घर लौटा तो आश्चर्यचकित हो गया।
अरविंद ओझा, ग्राम समाचार, जामताड़ा
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