ग्राम समाचार, भागलपुर। युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता को मुख्यमंत्री सहायता कोष का हिसाब देना चाहिए। बिहार की जनता जानना चाहती है कि विभिन्न दान दाताओं के द्वारा कुल कितनी राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा हुई और कितनी राशि कोरोना काल में जनता के सहायता में सरकार द्वारा खर्च की गई। श्री यादव ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार के 28 लाख मजदूर देश के विभिन्न शहरों में फँसे हुए है। जबिक नीतीश सरकार के अनुसार प्रति दिन 50 से 60 हजार ही मजदूर स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से बिहार वापिस आ रहे है। नीतीश सरकार आज तक 5 लाख प्रवासी मजदूरों को भी बिहार वापिस नही ला पायी है। जबकि आज से चार दिन पहले नीतीश कुमार ने सप्ताह दिन के अंदर सभी प्रवासी मजदूरों को बिहार वापस लाने का दावा किया था। बिहार सरकार की प्रवासी मजदूरों को लाने की यही गति रही तो दो माह में भी बाहर फँसे मजदूर बिहार वापस नहीं आ पायेंगे। प्रवासी मजदूरों का सब्र का बांध टूट गया है। जिसके कारण भारी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही भूखे-प्यासे अपना घर के लिए निकल चुके है। सरकार की गलत नीतियों के कारण ही अबतक सैकड़ों प्रवासी मजदूरों की सड़क हादसों में मौत हो गई है। प्रवासी मजदूरों की मौत के लिए पूर्णरूप से सरकार दोषी है।
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Bhagalpur News:नीतीश सरकार की प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की गति है धीमी - अरुण यादव
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