ग्राम समाचार, भागलपुर। भाकपा-माले व ऐक्टू ने प्रवासी मजदूरों के लिए बने क्वारन्टाइन सेंटर में लचर व्यवस्था पर घोर आपत्ति जताते हुए इसकी तीखी निंदा की है। ऐक्टू के राज्य सचिव व भाकपा-माले के नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने कहा कि सरकार की धोखाधड़ी व ग़द्दारी की वजह से लॉकडाउन में भूख की पीड़ा झेल रहे मजदूरों को क्वारन्टाइन सेंटर में भी भरपेट भोजन तक के लिए तरसाया जा रहा है। लूट-भ्रष्टाचार की सरकारी कार्यशैली ने क्वारन्टाइन सेंटर को यातनागृह बना रखा है। इन सेंटरों पर सरकार की लम्बी-चौड़ी घोषणाएं कहीं नहीं दिखती। प्रवासी मजदूरों को क्वारन्टाइन में रखने के लिए सरकारों द्वारा घोषित लम्बे-चौड़े फंड को आखिर कहां खर्च किया जा रहा है ? क्या प्रशासन और सरकार इस संकट के दौर को भी अलगी आमदनी का मौका समझ बैठी है ? उन्होंने सरकार और प्रशासन पर कोरोना को फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन जानबूझ कर संकट को बढ़ाने पर उतारु है। राज्य के बाहर से आने वाले सभी मजदूरों को क्वारन्टाइन सेंटर भेजने के बजाय ज्यादातर मजदूरों को घर भेज दिया जा रहा है। जानकारी वाले किसी खास स्थानों की शिकायत करने पर, घर में 2-3 गुजार चुके प्रवासी मजदूरों को क्वारन्टाइन सेंटर ले जाया जा रहा है या संबधित मोहल्ला या आस-पास के स्कूलों में बगैर किसी व्यवस्था के ही क्वारन्टाइन कर दिए जाने की बात कह कर मामले को टाल दिया जा रहा है। आखिर इस स्तर की लापरवाही क्या सरकार व आलाधिकारियों की जानकारी के बगैर हो रहा है? कौन है इसके लिए जिम्मेदार ? क्या इस नाम पर घोषित सरकारी फंड की लूट के लिए आम आबादी को जानबूझ कर खतरे में नहीं डाला जा रहा है ? भाकपा-माले व ऐक्टू 21 मई को इसके खिलाफ पूरे जिला में प्रतिरोध संगठित करेगा तथा 22 मई को लेबर कानून खत्म किए जाने आदि के सवाल पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त प्रतिवाद का एक प्रमुख मुद्दा बनाएगा।
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Bhagalpur News:आम आबादी को जानबूझ कर खतरे में डालने पर उतारु है प्रशासन, प्रवासी मजदूरों को क्वारन्टाइन करने का कर रही है दिखावा
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