ग्राम समाचार, गोड्डा। पथरगामा प्रखंड के बांसभीठा (पिपरा), अमडीहा, चंडीचक, महेशलिट्टी, बाराबांध आदि गांव में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, बंगलुरु, जम्मू कश्मीर आदि में काम कर रहे मजदूर कोरोना के संक्रमण के डर से अपने घर लौट आए हैं। परंतु इनके लौटाने से इनके गांव के लोग दहशत में जीने लगे हैं।
लोगों को भय सता रहा है कि भले ही इन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे परंतु ये लोग कोरोना के वाहक तो हो ही सकते हैं। गांव वाले पुलिस को इसकी सूचना दे देते हैं परंतु चाह कर भी पुलिस कुछ नहीं कर पाती है क्योंकि समय पर पुलिस को एंबुलेंस मुहैया नहीं हो पाती है।
ग्रामीणों की सूचना पर 2 दिन पहले पथरगामा के बंदनवार गांव से दो लोगों को पुलिस द्वारा चेकअप के लिए गोड्डा लाया गया था। वहां पर थर्मल चेकअप में उसे निगेटिव पाया गया। नेगेटिव होने की सूचना पाकर लोगों के सांस में सांस आई।
पथरगामा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच की कोई व्यवस्था ही नहीं है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एनआरएचएम के तहत रांची में ट्रेनिंग ले रहे हैं। लाॅक डाउन की स्थिति में ट्रेनिंग क्यों और किसके आदेश से हो रहा है इस सवाल का जवाब उन्हीं के पास है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का ओपीडी को बंद कर दिया गया है। पूछे जाने पर बताया गया कि इमरजेंसी केश देखा जाएगा। परंतु लोगों का कहना है कि इलाज कराने के लिए वहां जाने पर हम लोगों को डांट कर भगा दिया जाता है। आज ऐसा ही वाकया पथरगामा के प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ हुई। उन्होंने एक बीमार बच्चे को इलाज के लिए वहां भेजा था परंतु उसका इलाज वहां नहीं किया गया।
मालूम हो कि लॉक डाउन के मद्देनजर प्रशासनिक चुस्ती तो दिख रही है पर चुस्ती उतनी नहीं दिख रही जितनी दिखनी चाहिए थी। हालांकि आज मंगलवार को पथरगामा के प्रखंड विकास पदाधिकारी बासुदेव प्रसाद और अंचलाधिकारी राजू कमल ने पथरगामा के बाराबांध में बाहर से मजदूरों के आने की सूचना पर वहां जाकर उन लोगों को जांच कराने का निर्देश दिया।
- भुपेन्द्र कुमार चौबे, ग्राम समाचार पथरगामा, (गोड्डा)।
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