ग्राम समाचार, रेवाड़ी (हरियाणा)। रेवाड़ी रेलवे स्टेशन से लगते हुए शहर के डबल फाटक पर बिना रेलमार्ग बाधित किये नयी और अत्याधुनिक तकनीक से रेलवे द्वारा अंडरपास निर्माण किया जा रहा है।
रेलवे अधिकारियो की माने तो जिस टेक्नोलॉजी का प्रयोग से अंडरपास को बनाने में अपनायी जा रही है वह NWR यानि उत्तर पश्चिम रेलवे में पहली बार प्रयोग में लायी जा रही है।
दरहसल इस टेक्निक के जरिये रेलवे द्वारा रेलवे ट्रैक के नीचे से बिना किसी रुकावट के 16 मीटर के चार बॉक्स हाइड्रोलिक पद्धति द्वारा बॉक्स पुशिंग तकनीक से बॉक्स (यानि धक्का मारकर) खिसकाए जायेंगे।
यहाँ आपको बता दें की रेवाड़ी शहर के डबल फाटक के उस पास आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियां है जिसमे शहर की तीस प्रतिशत से अधिक आबादी निवास करती है लेकिन इस फाटक से हर दस मिनट बाद ट्रेन का आवागमन रहता है जिस कारण जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पार करने के लिए लोग मजबूर थे, जिस कारण यहाँ आरयूबी बनाना बहुत जरुरी था।
यहाँ अंडरपास बनाने की मांग कई दशकों से चली आ रही थी जिसका दिसंबर 2018 में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया था और 18 माह में काम पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन सात रेलवे ट्रैक के नीचे से रेल यातायात प्रभावित किये बिना अंडरपास बनाना एक चुनौती था। जिसमे तकनिकी रूप से कई अड़चने आ रही थी जिसके बाद मई 2019 में इस योजना पर काम शुरू किया गया और अधिकारियो की माने तो करीब 70 प्रतिशत काम 5 जनवरी तक पूरा हो चूका है।
फाटक से फाटक तक रेलवे ट्रैक की चौड़ाई 67 मीटर है इसके नीचे हाइड्रोलिक पद्धति द्वारा पुश कर कंक्रीट के 16 मीटर के चार बॉक्स डाले जाने है तीन सिग्मेंट बॉक्स डाले जा चुके है अब उन्हें आगे की ओर पुश किया जा रहा है बचा हुआ चौथा कॉलम बन रहा है जो जल्द ही रेलवे ट्रैक के नीचे खिसका दिया जायेगा। यह अंडरपास का काम करीब 21 करोड़ की लागत से 22 फरवरी तक पूरा कर लिया जायेगा शेष काम स्टेट गवर्नमेंट यानि लोकनिर्माण विभाग का है।
उम्मीद की जा रही है कि मार्च 2020 तक यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जायेगा और शहर की 30 हजार से अधिक आबादी को इसका फायदा मिलेगा। इस अंडरपास निर्माण में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि बरसात के दिनों में पानी न भरें।
रेलवे अधिकारियो की माने तो जिस टेक्नोलॉजी का प्रयोग से अंडरपास को बनाने में अपनायी जा रही है वह NWR यानि उत्तर पश्चिम रेलवे में पहली बार प्रयोग में लायी जा रही है।
दरहसल इस टेक्निक के जरिये रेलवे द्वारा रेलवे ट्रैक के नीचे से बिना किसी रुकावट के 16 मीटर के चार बॉक्स हाइड्रोलिक पद्धति द्वारा बॉक्स पुशिंग तकनीक से बॉक्स (यानि धक्का मारकर) खिसकाए जायेंगे।
यहाँ आपको बता दें की रेवाड़ी शहर के डबल फाटक के उस पास आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियां है जिसमे शहर की तीस प्रतिशत से अधिक आबादी निवास करती है लेकिन इस फाटक से हर दस मिनट बाद ट्रेन का आवागमन रहता है जिस कारण जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पार करने के लिए लोग मजबूर थे, जिस कारण यहाँ आरयूबी बनाना बहुत जरुरी था।
यहाँ अंडरपास बनाने की मांग कई दशकों से चली आ रही थी जिसका दिसंबर 2018 में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया था और 18 माह में काम पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन सात रेलवे ट्रैक के नीचे से रेल यातायात प्रभावित किये बिना अंडरपास बनाना एक चुनौती था। जिसमे तकनिकी रूप से कई अड़चने आ रही थी जिसके बाद मई 2019 में इस योजना पर काम शुरू किया गया और अधिकारियो की माने तो करीब 70 प्रतिशत काम 5 जनवरी तक पूरा हो चूका है।
फाटक से फाटक तक रेलवे ट्रैक की चौड़ाई 67 मीटर है इसके नीचे हाइड्रोलिक पद्धति द्वारा पुश कर कंक्रीट के 16 मीटर के चार बॉक्स डाले जाने है तीन सिग्मेंट बॉक्स डाले जा चुके है अब उन्हें आगे की ओर पुश किया जा रहा है बचा हुआ चौथा कॉलम बन रहा है जो जल्द ही रेलवे ट्रैक के नीचे खिसका दिया जायेगा। यह अंडरपास का काम करीब 21 करोड़ की लागत से 22 फरवरी तक पूरा कर लिया जायेगा शेष काम स्टेट गवर्नमेंट यानि लोकनिर्माण विभाग का है।
उम्मीद की जा रही है कि मार्च 2020 तक यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जायेगा और शहर की 30 हजार से अधिक आबादी को इसका फायदा मिलेगा। इस अंडरपास निर्माण में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि बरसात के दिनों में पानी न भरें।
- राजेश शर्मा, ग्राम समाचार, रेवाड़ी, हरियाणा ।

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