महर्षि वाल्मीकि के आदर्श और जीवन मूल्य आज भी प्रासंगिक है विषय पर सांयकाल विवेकानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल डहीना,रेवाड़ी में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर द्वीप जलाकर एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उनके आदर्शों को नमन किया गया। संगोष्ठी की मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. जया शर्मा ने कहा महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण वह आदर्श ग्रंथ है जो पीढि़यों से समाज का मार्गदर्शन करता आ रहा है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण हिंदुत्व की पहचान है। रामायण से देश के सभी समुदायों को समरसता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं संपूर्ण मानवता के लिए अनुकरणीय हैं।
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| संगोष्ठी में महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन करते हुए। |
महर्षि वाल्मीकि के आदर्श आज भी अत्यधिक प्रासंगिक हैं क्योंकि उनका जीवन आत्म-सुधार और परिवर्तन का प्रतीक है।रामायण में सिखाये गये समानता, सामाजिक न्याय, त्याग, कर्तव्य, और मानवता जैसे नैतिक मूल्य आधुनिक समाज की समस्याओं,जैसे भेदभाव और भ्रष्टाचार के समाधान के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति आत्म-मंथन और दृढ़ संकल्प से स्वयं को परिवर्तित क़र सकता है। उनका समानता और सामाजिक न्याय,जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव वाले आज के समाज में, "कर्मण्येवाधिकारस्ते" का उनका सिद्धांत समानता,भाईचारे और प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर सम्मान देने की प्रेरणा देता है। स्कूल के निदेशक नरेश कुमार ने कहा धार्मिक ग्रंथ रामायण सभी समुदायों के लिए अनुकरणीय है।भगवान श्री राम के आदर्शों पर आधारित रामायण देश को सर्वोच्च शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। स्कूल की प्राचार्य मंजू यादव ने कहा भगवान श्री राम के आदर्शों पर आधारित ग्रंथ नारी सशक्तिकरण को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। रामायण में उजागर की गई करुणा, सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों की शिक्षाएं आधुनिक समय में भी अत्यंत प्रासंगिक है।
संगोष्ठी के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.आर. के.जांगड़ा विश्वकर्मा,सदस्य,स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा एसटीएफ ने कहा आज भ्रष्टाचार और अनैतिकता के इस दौर में रामायण से प्राप्त मर्यादा,ईमानदारी और धर्मपूर्ण आचरण के मूल्य एक बेहतर इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं। जहाँ नैतिकता के परिपक्व मूल्य सामाजिक सद्भाव और न्याय के लिए आवश्यक हैं। रामायण में उजागर की गई करुणा,सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों की शिक्षाएं आधुनिक समय में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं, जो समाज में सद्भाव बनाए रखने में सहायक हैं।
महर्षि वाल्मीकि का उदार दृष्टिकोण और उपेक्षित तथा वंचित वर्गों के प्रति सहानुभूति आज भी सामाजिक और शैक्षिक मूल्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सभी महापुरुषों की जयंतियां सरकारी स्तर पर मनाने हेतु आभार व्यक्त किया गया। सेमिनार में शिक्षा और खेलों के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। पर्यावरण व जल संरक्षण मिशन के तहत महर्षि वाल्मीकि की याद में स्कूल के प्रांगण में पौधारोपण भी किया गया। इस अवसर पर मंजू यादव प्रिंसिपल, नरेश यादव निर्देशक, प्रियंका, मंजू, दिव्या, वर्षा, कोमल, नेहा, सपना, खुशी, मंजू, दिनेश, पुलकित, महेश, शिव, मयंक, दिनेश, रोहित, अजय आदि अनेक विद्यार्थी विशेष रूप से उपस्थित थे।

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