रेवाड़ी में श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला समिति की ओर से रामलीला का मंचन शुरू। पहले दिन गणेश पूजन के साथ श्रवण कुमार के नाटक का मंचन दर्शाया गया।
रेवाड़ी शहर के ऐतिहासिक मोती चौक स्थित श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला समिति की ओर से रामलीला का मंचन शुरू हो गया है। सोमवार रात्रि को पहले दिन रामलीला का शुभारंभ भारतीय जीवन बीमा निगम के पूर्व क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार शर्मा तथा रामलीला कमेटी के प्रधान अनुकूल शर्मा ने रिबन काटकर किया। पहले दिन गणेश पूजन किया गया फिर प्रार्थना के साथ श्रवण कुमार के नाटक का मंचन दर्शाया गया। रामलीला कमेटी के प्रधान अनुकूल शर्मा तथा सभी कार्यकारिणी सदस्यों की मौजूदगी में गणेश पूजन कर प्रसाद वितरण किया गया। इसके पश्चात मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार के नाटक का मंचन किया गया।
रामलीला कमेटी के प्रधान अनुकूल शर्मा तथा सचिव याद के सुगंध आदि ने बताया कि श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला कमेटी की ओर से 1970 से लगातार रामलीला का मंचन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 56 वर्षों से रामलीला समिति इस परंपरा को जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में रामलीला को लेकर रुझान कम हो गया है जिससे यह विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई लेकिन श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला समिति इस परंपरा को आज भी जीवंत रखे हुए हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि रामलीला हमारे सनातन धर्म संस्कृति का प्रतीक है। रामायण जैसे ग्रन्थ को देखने और सुनने के लिए समय निकालना चाहिए और रामायण में दिए गए संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस मौके पर रामलीला कमेटी के उप प्रधान श्याम सुंदर गुप्ता, महेश शर्मा पटवारी, नवनीत सोनी, रमेश वशिष्ठ तथा डॉ सुभाष गुप्ता आदि ने कहा कि रामलीला में श्रवण कुमार के जीवन से हमे प्रेरणा मिलती है कि हमे हमेशा अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए।
आपको बता दें कि श्री घंटेश्वर महादेव मंदिर आदर्श रामलीला समिति की ओर से 1970 से लगातार रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस रामलीला ने अपने शुरुआती दौर में दर्शकों का हुजूम देखा तो टीवी पर रामायण सीरियल के प्रसारण के दौरान दर्शकों का अभाव भी देखा। अब भी चूंकि दौर दौर मोबाइल फोन और टेलीविजन का है लेकिन फिर भी शहर के बीचों बीच बाजार में होने वाली इस रामलीला को देखने के लिए अच्छी खासी तादाद में श्रद्धालु आते हैं।




0 comments:
एक टिप्पणी भेजें