रेवाड़ी के बावल विधानसभा के गांव सुठानी से स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोलती तस्वीरें सामने आई हैं। जहां गांव में गंदगी का आलम है और नाले नालिया ओवरफ्लो हो चुके हैं वहीं मुख्य सड़क रेवाड़ी बावल रोड पर गांव के बस स्टॉप के पास नाले का दूषित पानी हमेशा फैला रहता है। जिस कारण यहां एक हॉस्पिटल सहित साथ लगती दुकानें और मार्किट के लोग काफी परेशान हैं। इस संबंध में अस्पताल के संचालक डॉक्टर मनजीत और डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा ने प्रैस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के समक्ष अपनी समस्या रखी तथा सरकार और प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है।
रेवाड़ी में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है जहां सड़क पर जमा अटल कॉलोनी का गंदा पानी लोगो के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। रेवाड़ी-बावल व्यस्त मार्ग मार्ग पर सुठानी गांव के नजदीक पानी जमा होने से राहगीरों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। दूषित पानी जमा होने के कारण कुछ दिन पूर्व ही बनाया गया रोड टूटने लगा है। निजी अस्पताल संचालक ने प्रैस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उनके अस्पताल के सामने गंदा पानी भरा रहता है। प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी इसका समाधान नहीं हो रहा है। निजी अस्पताल के संचालक सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरपंच नें पुरानी रंजीश के कारण अस्पताल के सामने सड़क पर कॉलोनी के नाले का दूषित पानी छोड़ा हुआ है। उन्होंने इसकी शिकायत समाधान शिविर में भी दे चुके हैं लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने इस नाले को एचएसआईआईडीसी की सीवर लाइन से जोड़ने की प्रशासन से मांग की है हालांकि इस संदर्भ में एसडीएम बावल उदय सिंह ने कहा कि इस समस्या का जल्द समाधान कराया जाएगा। सड़क पर किसी भी सूरत में गंदा पानी जमा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सड़क पर पानी छोड़ने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अस्पताल संचालक डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा डॉक्टर मनजीत और ग्रामीण रामनरेश और पवन कुमार आदि ने कहा कि गांव के मेन स्टैंड पर नाले की निकासी नहीं होने के कारण दूषित पानी सड़क पर फैला रहता है। उन्होंने बताया कि यह समस्या करीब एक साल से है इस समस्या को वे प्रशासन के अलावा कष्ट निवारण समिति की बैठक में भी उठा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है जिस कारण वे नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि नाले का दूषित पानी सड़कों पर जाम रहने के कारण मरीजों को अस्पताल में आने जाने की परेशानी होती है। दूषित पानी के कारण मक्खी मच्छर और बीमारियां फैलने का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने कहा कि वैसे तो सरकार और प्रशासन स्वच्छ भारत के दावे करता है लेकिन यहां की तस्वीरें देखकर इस अभियान की पोल खुल जाती हैं।
उन्होंने गांव के सरपंच पर चुनावी रंजिश और बदले की भावना से काम करने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव का सरपंच प्रदीप ढिल्लों द्वेष भावना के चलते इस समस्या का समाधान नहीं करवाना चाहता। जिस वजह से उनका जीवन दूभर हो गया है। उन्होंने बताया कि गांव में भी गंदगी का आलम है बावल औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां सुठाना सुठानी करनावास जलियावास सहित आसपास के गांव में बड़ी संख्या में प्रवासी लोग मजदूर श्रमिक आदि रहते हैं। गांव में सफाई नाम की कोई चीज नहीं है गांव की हरिजन बस्ती का बुरा हाल है यहां सड़क किनारे कूड़े कचरे के ढेर लगे हुए हैं नाले नालिया गंदगी से अटे पड़े हैं। बरसाती मौसम में मक्खी मच्छर से बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है।
वहीं जब इस समस्या के इस बारे में हमने गांव के सरपंच प्रदीप ढिल्लों से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने बाइट देने से मना कर दिया और बताया कि गांव की यह कॉलोनी मनोहर लाल खट्टर सरकार के समय में अटल कॉलोनी के नाम से अप्रूड हो चुकी है। यह अब ग्राम पंचायत के अधीन नहीं है फिर भी उन्होंने अपने स्तर पर नाले की सफाई के लिए मोटर लगाई हुई है। जब नाला भर जाता है तो ऑटोमैटिक तरीके से मोटर चल जाती है और नाला खाली कर दिया जाता है। हालांकि इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए उन्होंने ग्राम पंचायत की ओर से प्रस्ताव बनाकर HSIIDC विभाग को नाला आगे जोड़ने के लिए भेजा हुआ है। वहां से स्वीकृति मिलते ही इस समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें