महान समाज सुधारक, न्यायप्रिय एवं प्रजावत्सला रानी अहिल्याबाई होल्कर की तीसरी जन्म शताब्दी के पावन अवसर पर उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाने एवं बालिकाओं में आत्मविश्वास, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता तथा सामाजिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने हेतु एक विशेष बालिका दौड़ का आयोजन हिंदू पब्लिक स्कूल बावल में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वंदना पोपली ने दौड़ का विधिवत शुभारंभ किया।जिसमें विद्यालय की विभिन्न आयु वर्ग की सैकड़ों बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस आयोजन में सिंहराम महलावत, हिमांशु पालीवाल, सुनील ग्रोवर, कविता गुप्ता, प्रवीण शर्मा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सैकड़ों छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और दौड़ के माध्यम से अपने शारीरिक स्वास्थ्य एवं आत्मबल का परिचय दिया।
इस अवसर पर डॉ वन्दना पोपली ने अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें महिला सशक्तिकरण, न्यायप्रियता और जनकल्याण की मिसाल बताया। अहिल्याबाई होल्कर को एक आदर्श प्रशासिका के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने महिलाओं, किसानों, व्यापारियों और निर्धनों के अधिकारों की रक्षा की। वे प्रतिदिन जनता की समस्याएं सुनतीं और तुरंत न्याय देतीं। उनका न्याय निष्पक्ष और मानवतावादी होता था। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता और जनहित की भावना को सर्वोच्च स्थान दिया।
रानी अहिल्याबाई एक दूरदर्शी समाज सुधारक थीं। उन्होंने स्त्रियों की दशा सुधारने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने विधवाओं के पुनर्विवाह को समर्थन दिया और बालिकाओं की शिक्षा पर भी बल दिया। उन्होंने धार्मिक पाखंड और जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और हर वर्ग के लिए मंदिरों और धर्मस्थलों के द्वार खुले रखे।
अहिल्याबाई होल्कर ने देशभर में अनेक मंदिरों, घाटों, कुंडों, और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया। काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर और गया, द्वारका, रामेश्वरम जैसे तीर्थों के जीर्णोद्धार में उनका विशेष योगदान रहा। उन्होंने बनारस, उज्जैन, हरिद्वार, अयोध्या सहित कई धार्मिक स्थलों पर धर्मशालाएँ और अन्नक्षेत्र बनवाए।
उनकी प्रजावत्सलता की मिसाल दी जाती है। उन्होंने अपने राज्य को एक परिवार की तरह चलाया, जहाँ प्रजा उनके लिए संतान के समान थी। उन्होंने किसानों के कर कम किए, सिंचाई के साधन बढ़ाए और व्यापार को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने अपने जीवन को विलासिता से दूर रखते हुए जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया। दौड़ में भाग लेने वाली बालिकाओं के उत्साह को देखते हुए कार्यक्रम पूर्ण रूप से सफल और प्रेरणादायक रहा।कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागी छात्राओं को प्रोत्साहन स्वरूप स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
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