रेवाड़ी के जैन पब्लिक स्कूल में श्रमिक दिवस पर सहायक कर्मचारियों ने अपने मन की बात रखी। एक तरफ जहाँ उन्होंने कविता, सुविचार, भजन गाया, वहीं महिला कर्मियों ने हरियाण्वी नृत्य प्रस्तुत कर समां बाँध दिया। प्रबंधन समिति ने उन्हें श्रमिक दिवस की शुभकामनाएँ दीं और सभी सहायक कर्मचारियों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया गया।
विद्यालय के मीडिया प्रभारी गोपाल शर्मा ने बताया कि श्रीसंतोष जैन ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों ने सहायक कर्मियों के सम्मान में कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सभी कर्मचारियों का तिलक लगाकर एवं बैज लगाकर सम्मान किया गया। इसके बाद सहायक कर्मचारियों की ओर से प्रतिभा प्रदर्शन के सिलसिले ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरूआत सुनीता जैन ने णमोकार मंत्र से की। सविता ने प्रोत्साहन एवं सम्मान को कर्मचारियों के लिए ऊर्जा बताया।
राजपाल ने - मिला मुश्किलों से ये मानव जन्म- भजन सुनाया। देवीप्रसाद ने माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म कहा तो बिजलीकर्मी देवेंद्र ने कविता के माध्यम से मजदूर व इंसानियत का संबंध बताया। नरेंद्र ने अंग्रेजी, हिंदी व हरियाण्वी की त्रिवेणी बहाते हुए स्वार्थी जमाने पर व्यंग्य किया। मंजू ने- कभी राम बन के, कभी श्याम बन के भजन गाया तो हितेश ने मजदूर के विचारों पर कविता प्रस्तुत की।
महिला सहायक कर्मियों हेमा, सविता, सुमन, संतोष, राजबाला, मीनू व कौशल्या ने - बावन गज का दामण पहर मटक चालूंगी- गीत शानदार नृत्य प्रस्तुत किया। विद्यार्थियों ने ग्रीटिंग बनाकर कर्मचारियों को भेंट किए। प्रधानाचार्या सोनल छाबड़ा ने सभी को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि सहायक कर्मचारी किसी भी संस्था की नींव होते हैं, उनके बिना व्यवस्था को नहीं संभाला जा सकता। वे भी परिश्रम व सच्चे मन से सेवा करें। प्रबंधन समिति ने श्रमिक दिवस पर सभी सहायक कर्मचारियों को शुभकामनाएँ दीं और उनके लिए दोपहर के भोजन का प्रबंध किया।
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