ग्राम समाचार, बोआरीजोर(गोड्डा)। ललमटिया थाना क्षेत्र के डहुआ गांव में 25 अप्रैल को आयोजित होने वाले चड़क मेला को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह मेला परंपरागत रूप से फुटबॉल मैदान में आयोजित होता आया है, लेकिन इस बार इसे जमाबंदी संख्या 66, दाग नंबर 152 में स्थित एक आम के बगीचे में लगाने की योजना बनाई गई, जो कि निजी रैयती जमीन है।
रैयत रविकांत मरांडी, रायमन मरांडी, दानियल मरांडी, गंगामहीन मरांडी, प्रधान मरांडी, गंगामहीन मरांडी सहित अन्य ने मेला आयोजन का विरोध जताते हुए महागामा के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) आलोक वरण केशरी को आवेदन दिया। उनका कहना है कि बिना रैयतों की अनुमति के निजी जमीन पर मेला लगाना न केवल गलत है बल्कि कानून के भी खिलाफ है।
एसडीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रैयतों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि उनकी जमीन पर मेला नहीं लगेगा। साथ ही, थाने को भी सूचित किया गया है कि इस जमीन पर जबरन मेला न लगे।
रैयतों की चिंता जायज़ है इतने बड़े आयोजन में संथाली सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात में ऑर्केस्ट्रा की व्यवस्था है, जिससे भारी भीड़ की संभावना है। ऐसी स्थिति में यदि कोई अप्रिय घटना घटती है तो जिम्मेदारी किसकी होगी, यह स्पष्ट नहीं है क्योंकि न कोई मेला समिति है और न ही कोई विधिवत लाइसेंस या अनुमति प्राप्त की गई है।
इस घटना से यह साफ होता है कि पारंपरिक आयोजनों को भी कानूनी प्रक्रिया और स्थानीय लोगों की सहमति के साथ ही आगे बढ़ाना चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ ऐसे मामलों को सुलझाए ताकि समुदाय में सौहार्द बना रहे।
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