![]() |
मसलिया के मोहलीडीह ग्राम में कथा सुनाते कथावाचक शिवमकृष्ण महाराज |
ग्राम समाचार, दुमका। प्रखंड क्षेत्र के बास्कीडीह पंचायत के मोहलीडीह गांव के समस्त ग्रामवासियों की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवद कथा के प्रथम दिवस मंगलवार रात्रि को कथावाचक श्रीधाम वृंदावन निवासी शिवम कृष्ण महाराज ने भागवद पुराण के महात्म्य के बारे विस्तृत जानकारी श्रोताओं दी साथ ही भगवान कृषण के अवतारों व उनके विभिन्न लीलाओं का संक्षिप्त वर्णन किया। कथावाचक ने कहा कि भागवद पुराण ग्रंथ केवल कोई पोथी नहीं वरन साक्षात् भगवान का शब्दमय स्वरूप है । भागवद कथा के श्रवण से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग इन चार चीजों की प्राप्ति होती है। प्रथम दिवस की कथा में भागवत कथा के माहात्म्य की कथा का वर्णन किया गया जिसके अंतर्गत महर्षि नारद की भक्ति संवाद एवं धुंधकारी की उद्धार कथा का वर्णन किया गया। बताया कि नारद भक्ति संवाद के माध्यम से हमें पता चलता है कि भक्ति मां है व ज्ञान और वैराग्य उसके दो पुत्र है। इस कलियुग में भक्ति तो बहुत है,लेकिन ज्ञान और वैराग्य का अभाव है और बिना ज्ञान ,वैराग्य के भक्ति का महत्व उतना नहीं है जितना होना चाहिए। आगे कहा कि कथा का उद्देश्य मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मरंजन है। वह तभी होगा जब भक्ति के साथ-साथ जीवन में ज्ञान भी जागे और वैराग्य भी जागे। धुंधकारी जैसा पापी जिसने जीवन भर अधर्म के मार्ग का अनुसरण किया लेकिन उसके मरने के पश्चात उनके भाई गोकर्ण ने भागवद कथा का आयोजन किया और धुंधकारी का उद्धार हो गया। अगर हम सब भी भाव से भगवान की कथा का आश्रय ग्रहण करें तो हमारा भी कल्याण निश्चित रूप से होगा। शिवम कृष्ण ने द कहा कि इन सात दिनों की कथा को नियम पूर्वक सुनें मैं दावे के साथ कहता हूं जो आपको कष्ट है जो आपकी पीड़ा है। जो काम आपका बना बनाया नहीं बन रहा है। वह नहीं ठीक हो तो मुझे बताना। बसर्ते सच्चे मन व नियमपूर्वक कथा सुनें। आगामी कथा में भगवान कृष्ण के अन्य लीलाओं का परिवेषण किया जाएगा।जो सायं साढ़े छह बजे से रात्रि साढ़े दस बजे तक चलेगा। प्रथम दिन के कथा में ही पूरा पंडाल स्रोताओं से भर गया था। इसमें जेरूवाखिलकनाली मोहलीडीह रंगामटिया समेत आस पास के दर्जनों गांवों व अन्य जिलों से लोग कथा श्रवणार्थ पहुंच रहे हैं।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें