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मसलिया के मोहलीडीह गांव में कलशयात्रा में शामिल कन्याएं |
ग्राम समाचार, दुमका। मसलिया प्रखंड क्षेत्र के बसकीडीह पंचायत के मोहलीडीह गांव में मंगलवार को सप्तदिवसिय श्रीमद भागवद कथा को लेकर एक हजार एक कुंवारी कन्याओं व साध्वी महिलाओं ने भव्य कलश शोभायात्रा निकाली। मोहलीडीह ग्राम स्थित बाबा दुबे मंदिर प्रांगण से माथे पर कलश लेकर नंगे पांव चलकर खेड़बोना होते गुमरो पंचायत के जेरूवा गांव स्थित बड़ा पोखर में जल भरकर पुनः कथा स्थल तक लौटी। शोभायात्रा के बीच में कथावाचक शिवम कृष्ण महाराज रथ पर विराजमान होकर चल रहे थे वहीं आगे मुख्य कलश लेकर गाजे बाजे के साथ कलश व्रती कन्याएं व महिलाएं जय श्री राधे, सत्य सनातन धर्म की जय, भागवद पुराण की जय, जय श्री राम आदि नारे का उच्चारण कर चल रहे थे। जेरूवा पोखर में आचार्य अभिषेक शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चारण कर शुद्ध मिट्टी के कलश पात्र में जल भरा गया। कलश व्रतियों के माथे पर जय श्री कृष्ण नाम की चुनरी,हाथों में श्री राधे लिखा कलश, मुख से भागवद के नारे व आगे पीछे साउंड सिस्टम व पारंपरिक वाद्य यंत्र से भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।कथावाचक शिवम कृष्ण महाराज ने कथा के आयोजन को लेकर कहा कि सर्वप्रथम हम सभी कथा का अर्थ जाने। कम सुखम स्थाप्यतीति सह कथा अर्थात जो हमारे जीवन की व्यथा को मिटा करके हमारे हृदय में भगवद प्रेम के रस की स्थापना कर दे वह कथा है। सबके जीवन में कोई न कोई क्लेश रहता ही है। लेकिन जब हम भगवद कथा का आश्रय ग्रहण करते हैं तो भगवद कथा हमारे जीवन की वर्तमान की व्यथाओं को दूर कर भगवत प्रेम की स्थापना हृदय में करती है। इस ग्रंथ का नाम श्रीमद भागवद पुराण है। और पुराण शब्द का अर्थ पूरा अपि नवम इति पुराणम । जो प्राचीन होते हुए भी नए युग में नए नए रास्ते दिखाते रहे इसी का नाम पुराण है। समाज को वास्तविकता का एहसास कराता रहे अधर्म के मार्ग से हटाकर के जो लोग भटक गए हैं। जो केवल भौतिकता वाद सुख के कारण केवल सुख पूर्वक जीवन जीना ही सब कुछ मान बैठे हैं । उसे सही राह दिखाने का नाम श्रीमद भागवद कथा है। कथा सायं साढ़े छह बजे से दस बजे रात्रि तक चलेगी। इसका आयोजन समस्त मोहलीडीह ग्रामवासियों की ओर से किया गया है।
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