Jamshedpur News: सिमलीपाल अभयारण्य से भागकर गुड़ाबांदा के रास्ते चाकुलिया पहुंची बाधिन, हाथी से पहले ही लोग परेशान में थे, अब आ गई बाधिन भी ।

 

ग्राम समाचार संवाददाता, जामशेदपुर :  जिला के चाकुलिया वन क्षेत्र के लोग विगत कई वर्षों से हाथियों से भारी उत्पात झेल रहे हैं. हाथियों के हमले से दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं. घर व समान क्षतिग्रस्त करने तथा फसलों को रौंदा कर बर्बाद करने जैसा घटनाएं यहां के लिए आम बात है. क्षेत्र के लोग अभी हाथियों की समस्या से उबर नहीं पाए हैं, कि तब तक एक नई समस्या बाधिन के रूप में सामने आ गई है. चाकुलिया शहर से करीब 5-6 किमी दूर स्थित कालियामा पंचायत का राजाबासा गोदरासोल जंगल हाथियों का मनपसंद निवास है. इसी घने जंगल से सटे भातकुण्डा पंचायत के धोदरा जंगल में बीते रात से ओडिशा के सिमलीपाल अभयारण्य से भागकर आई बाधिन जीनत ने डेरा डाल रखा है. 
वन विभाग के सूत्रों की मानें तो बाधिन करीब एक सप्ताह पहले ही ओडिशा के सिमलीपाल से निकलकर भागी हैं. वह एक दिन में 8-10 किलोमीटर की दूरी तय कर रहीं हैं. गुडाबांदा के रास्ते स्वर्णरेखा नदी एवं नेशनल हाईवे पार कर रविवार की देर रात वह चाकुलिया वन क्षेत्र में घुसी है. बेनाशोल जंगल से होकर वह राजाबासा के घने जंगल में प्रवेश कर गई. मंगलवार को दिन में चाकुलिया एरोड्रम के काफी नजदीक स्थित सुनसुनिया गोदरासोल जंगल में उसका लोकेशन पाया गया. अब समाचार लिखे जाने तक उसका लोकेशन भातकुण्डा पंचायत के धोदरा जंगल में ट्रेंस किया गया. पहले से ही इस इलाके लोग हाथियों के डर से रात को घर से नहीं निकलते थे. अब बाधिन के इलाके में डाटे रहने से उनके लिए दिन में निकलना मुश्किल हो गया है. 


 श्री कालीदास मुर्मू,  जामशेदपुर।

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Editor - कालीदास मुर्मू , जमशेदपुर

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