ग्राम समाचार न्यूज :: रेवाड़ी :: इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में 21 अक्टूबर से आरंभ हुआ सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर आज समाप्त हो गया। कार्यक्रम में डॉ. कृष्ण कुमार विधायक, बावल एवं श्री अनिल यादव विधायक, कोसली मुख्य अतिथि रहे। पद्मश्री डॉ. एस.एस.यादव डायरेक्टर MIMS, राज्य एनएसएस अधिकारी दिनेश कुमार और रीजनल डायरेक्टर सरवन राम एवं श्री मनोज कुमार विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर जयप्रकाश यादव ने की। इस शिविर में हरियाणा सहित 16 राज्यों के स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया जिसमें उड़ीसा, तमिलनाडु, पुंडुचेरी, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, असम, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, तेलंगाना, केरल और पश्चिम बंगाल के 200 स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। इस शिविर के दौरान स्वयंसेवकों ने अपने-अपने राज्यों की संस्कृति को प्रस्तुत किया। इस शिविर में अनेक सांस्कृतिक एवं खेलकूद आधारित प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की गई।
कार्यक्रम का आरंभ करते हुए विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक प्रोफेसर करण सिंह ने सभी का स्वागत किया और इस सात दिवसीय शिविर में आयोजित की गई विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया।
विधायक कोसली श्री अनिल यादव ने इस शिविर के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी और कहां की मेरा इस विश्वविद्यालय में यह प्रथम आगमन है और मुझे ऐसा लगा जैसे पूरे भारत की झलक यहां देखने को मिल रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय की समस्याओं को सरकार के सामने रखना और कोसली से विश्वविद्यालय तक बस सेवा बिना किसी बाधा के शुरू करने का आश्वासन भी दिया।
बावल से विधायक डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद विश्वविद्यालय ने इतना अच्छा आयोजन किया है जिसके लिए यह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को केवल इच्छाएं नहीं बल्कि इच्छाओं को पूरा करने के लिए मजबूत इरादे बनाने के लिए भी प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के लिए ऑडिटोरियम, बजट का आवंटन और बसों की समस्याओं के समाधान के लिए भी उन्होंने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास एवं सहायता का आश्वासन दिया।
पद्मश्री डॉक्टर एस.एस. यादव ने कहा कि आज के विद्यार्थी कल देश का भविष्य हैं इसलिए उन्हें अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ निभाना जरूरी है। उन्हें सिर्फ पैसों के पीछे भागने की बजाय सेवा और स्वयं को स्वस्थ रखने पर ध्यान देना चाहिए।
रीजनल डायरेक्टर सरवन राम जी ने कहा कि अलग-अलग राज्यों से आए स्वयंसेवकों को एक छत के नीचे रहकर अपनी संस्कृतियों का आदान-प्रदान करते देखना अपने आप में एक विशिष्ट अनुभव है। श्री दिनेश कुमार ने बताया कि आईजीयू ने लगातार यह दूसरा राष्ट्रीय एकता शिविर सफलतापूर्वक आयोजित किया है। हरियाणा वीरों की भूमि है और सीमाओं की रक्षा करने वाले अधिकांश सैनिक इसी धारा से आते हैं। हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार के लगभग 15 शिविर आयोजित किए जाते हैं जिनमें अकेले हरियाणा द्वारा इस प्रकार के 10 शिविरों का आयोजन हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इन शिविर के दौरान प्लास्टिक पदार्थ का प्रयोग पूरी तरह से वर्जित रहता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रोफेसर जयप्रकाश यादव ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी और कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सामाजिक समरसता कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, आत्मनिर्भरता और कर्तव्य परायणता पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने वहां उपस्थित सभी स्वयंसेवकों को पांच प्रण की शपथ भी दिलवाई।
सभी राज्यों के स्वयंसेवकों ने अतिथियों के सामने अपनी राज्य की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। इससे पूर्व कल रात को भी एक कल्चरल नाइट एकता पर्व का आयोजन किया गया था जिसमें सभी राज्यों के स्वयंसेवकों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी थी। इसमें मणिपुर की टीम प्रथम स्थान पर रही, अरुणाचल प्रदेश की टीम दूसरे स्थान पर जबकि उड़ीसा एवं केरल की टीम संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रही।
कुलपति प्रोफेसर यादव एवं अन्य अतिथियों ने सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र एवं गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। केंद्रीय विद्यालय हरियाणा की स्वयंसेविका मानसी चौधरी ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्तावना प्रस्तुत की और राष्ट्रीय गान के साथ यह कार्यक्रम समाप्त हुआ।
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