Chandan News: खेती से जुड़ी दलित-आदिवासी महिलाओं को पूंजी का अभाव:-रौशन

ग्राम समाचार,चांदन,बांका। बिहार दलित विकास समिति एवं दलित मुक्ति मिशन के द्वारा गठित सावित्री बाई माता समिति के बैनर तले कुसुम जोरी पंचायत के ज्ञान भवन कडवामारण में संस्था के निदेशक महेंद्र कुमार रोशन के अध्यक्षता में खेती से जुड़ी दलित-आदिवासी महिलाओं की यूनिट स्तर पर एक दिवसीय खेती-बाड़ी आंकलन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में चार समूहों में विभाजित किया। जिसमें जिनके पति नहीं हैं, दूसरी जिनके पति हैं, किन्तु काम नहीं करते हैं, या हमेशा बीमार रहते हैं, तीसरी समूह जो अकेले अपने दम पर खेती करते हैं और चौथी समूह जो पति-पत्नी दोनों मिलकर खेती करते हैं। चारों समूह के महिलाओ ने अपने अपने अनुभव प्रस्तुत किया और बताया कि पूंजी के अभाव में हमलोंग खेती से अपेक्षित लाभ नहीं ले पाते हैं। हमलोग का मेहनत ही पूंजी है। समुह के प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत श्री रौशन जी ने आंकलन करते हुए बताया कि परम्परागत खेती से जुड़ी दलित-आदिवासी महिला पूंजी, तकनीक व बाजार  के जानकारी बगैर खेती कर रहे हैं। 


संस्था प्रयासरत है, कि महिलाएं अपनी आमदनी में बृद्धि कैसे ला सकती हैं। इसी उद्देश्य से विगत वर्षों से  छोटा पूंजी के रूप में खेती करने वाली महिलाओं को संस्था द्वारा प्रति महिला 5000 रुपया पूंजी के रूप में सहयोग करते आ रही है। बताया की अभी तक कुल 60 महिलाओं को 3 लाख रुपये का सहयोग कर चुके हैं। इसके अलावा छोटे छोटे लघु-कुटीर उद्योग के लिए कुछ महिला समूह को सहयोग किया है जैसे- चांदन प्रखंड के दक्षिण वारने पंचायत के ग्राम भैरोपुर एवं कुसुमजोरी पंचायत के ग्राम दहगिलवा में खजूर झाड़ू निर्माण लघु-कुटीर उद्योग प्रारंभ की गई है। इसी प्रकार सिधुडीह में सृंगार दुकान आदि का शुरुआत की गई है। कूल मिलाकर संस्था का प्रयास है, कि दलित महिलाओं में स्वरोजगार की रुचि बड़े और इस दिशा सकारात्मक पहल के रूप सरकारी योजना या सहकारी समिति का निर्माण कर आर्थिक रूप से मजबूत हो ताकि जीवन स्तर में सुधार हो सके। इस अवसर पर सावित्री बाई माता समिति के उत्प्रेरक सुनीता देवी, अम्बेडकर प्रेरणा दल के उत्प्रेरक महालाल बेसरा, अम्बेडकर युवा मंच के उत्प्रेरक लखन मुर्मू, युवा नेता अंकित कुमार, दलित संगठन कुरुमटांड के नेता कार्तिक दास आदि अन्य लोगों ने खेती-बाड़ी से जुड़ी सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के अंत में धान-गेहूँ के अलावा सब्जी, फूल एवं जड़ी-बूटी के सामुहिक खेती करने तथा सरकारी अनुदान लेने का प्रस्ताव लिया गया।

उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।

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Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

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