ग्राम समाचार,चांदन,बांका। प्रखंड क्षेत्रों में दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने किसानों की चेहरे पर मुस्कान आने लगी है। बता दे की सिंह नक्षत्र एवं पूर्वा नक्षत्र में पर्याप्त वर्षा नहीं होने से किसानों में मायूसी छा गई थी। कई किसान तो जल जमाव वाली जगहों से पंप सेट लगाकर पानी पटवन कर खेत में लगा धान को बचाने में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे,वहीं दुसरी और जहां पटवन की सुविधा उपलब्ध नही रहने वाली खेतों की धान की फसल को लेकर किसान मायूस दिख रही थी। कुछ किसानों ने अगले वर्ष में हुई दोनों फसल मकई और धान की मारा को याद करते हुए चिंतित नजर आ रहे थे की इस बार भी सुखाड़ जैसी मार झेलनी पड़ेगी। महाजनों से लिए गए कर्जे कैसे चुकाएगें।
लेकिन बुधवार से आज तक हो रही झमाझम मूसलाधार बारिश ने तो किसानों के खेतो में अमृत डाल दी है। जिस खेतों में लगे धान की में लाली पड़ गई थी, वो तीन दिनों की बारिश नें हरा ताजगी ला दी है। जिसे देख किसानों के चेहरे में रौनक आती दिख रही है। वर्ष होते ही किसान धान की खेतों में उर्वरक यूरिया खाद छिड़काव करने में जुट गई है। वहीं हैरत इस बात की है कि किसानों को बाजारों से यूरिया खाद की कीमत सरकारी मूल्य से अधिक चुकानी पड़ रही है। वर्षा को सरकारी उर्वरक खाद्य विक्रेता भी आसमान छूने लगी है। जिस यूरिया खाद की कीमत 265 रुपया है वही यूरिया खाद किसानों को 350 रुपए पैकेट में लेने को मजबूर है। जिसका कोई देखने वाला नहीं है।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें