ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। जिले में शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए गांव गांव में स्कूल है। वहीं शिक्षा में सुधार के लिए लाख दावे भी करती है। मगर स्कूलों का क्या हाल है रजौन प्रखंड के अमहारा में देखा जा सकता है। रजौन प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय अमहारा जहां पर प्रशासनिक अनदेखी की जा रही है। बच्चे अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर स्कूल पढ़ने जाते हैं। स्कूल के पास से गुजरने वाले सिंचाई नहर पर एक छोटी सी जर्जर चचरी पारकर बच्चे स्कूल पढ़ने जाते हैं। परिजनों ने बताया कि, स्कूल जाने के दौरान छोटे-छोटे नौनिहाल कई बार सिंचाई नहर में गिर चुके हैं। बरसात के दिनों में तो पठन-पाठन पूरी तरह से बंद हो जाती हैं। इस पूरे मामले में शिक्षकों ने
बताया कि, कई बार एसडीओ बीडीओ और जिला में पत्र लिखकर स्कूल में आवागमन के रास्ते नहीं होने की सूचना दी गई है। बावजूद अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में कई बार स्कूल आते जाते समय बच्चे को भय बना रहता है। अभिभावक चिंतित होकर कई बच्चे को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। आवागमन का रास्ता नहीं होने के कारण सिंचाई नहर पार कर बच्चे अपना जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जा रहे हैं। किसी भी वक्त नौनिहालों के साथ कोई बड़ी घटना हो सकती है। गांव के उदय हरिजन, अंबिका रविदास, संतलाल हरिजन, विकास कुमार, अरविंद हरिजन आदि लोगों ने बताया कि, कई बार स्थानीय जिला परिषद और विधायक को भी इस बारे में कहा गया है लेकिन हर कोई सिर्फ आश्वासन ही देते नजर आए है।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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