ग्राम समाचार न्यूज :: रेवाड़ी :: राजेश शर्मा :: शिक्षा देना एक पुण्य एवं सम्मानित कार्य हुआ करता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दाखिले के समय शिक्षा के महत्व को न समझने वाले लोग चाहे वे शिक्षा की गरिमा को गिराते दिख जाएंगे। घर-घर बच्चे मांगते अध्यापक हो, स्कूल संचालक हो, केवल अपने स्कूल में संख्या बढ़ाने के लिए न केवल माता-पिता को बल्कि पूरे समाज को भ्रमित कर रहे हैं। इससे ना केवल स्कूलों की प्रतिष्ठा गिरी है बल्कि शिक्षा संस्कारों में गिरावट को भी साफ-साफ देखा जा सकता है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल यादव की अध्यक्षता में होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल रेवाड़ी में कोर ग्रुप की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो घटिया स्तर के तरीके अपनाए जा रहे हैं, उसके कारण न केवल विद्यार्थी और माता-पिता भ्रमित हो रहे हैं बल्कि शिक्षा के स्तर में भी गिरावट आई है। इसके लिए अभिभावक, शिक्षा विभाग, प्रशासन के साथ मिलकर काम किया जाएगा ताकि शिक्षा को बचाने के साथ-साथ स्कूल और अध्यापकों की छवि में उसके काम के अनुसार सुधार किया जा सके। बैठक में सभी सदस्यों की सहमति से निम्न निर्णय लिए गए जिन पर सबसे पहले काम करने की आवश्यकता है: -
दिसंबर महीने से ही निम्न स्तर के अध्यापक डोर टू डोर माता-पिता को व समाज को भ्रमित करने का काम शुरू कर देते हैं और माता-पिता को झूठे सपने दिखाकर और लालच देखकर बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ करते हैं जिसके दुष्परिणाम आए दिन देखे जा सकते हैं। हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन पूरे समाज से अपील करती है कि इस तरह के निम्न स्तर में निम्न सोच वाले अध्यापकों से सचेत रहें और उनके लालच व बहकावे में न आएं अन्यथा अपने बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ के लिए आप भी जिम्मेदार होंगे।
बहुत से कोचिंग सेंटर, एकेडमी शिक्षा विभाग के नियमों के विरुद्ध चल रहे हैं। I.I.T., NEET, सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालयों में दाखिले के नाम पर सपने दिखाकर बच्चों को वास्तविक शिक्षा से वंचित कर रहे हैं। इसके दुष्परिणाम बाद में बच्चों को भुगतने पड़ते हैं। हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन शिक्षा को बचाने के लिए बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए गलत तरीकों से चल रहे इस तरह के संस्थानों से बचाने की अपील करती है।
बहुत से स्कूल जहां तक मान्यता है वहां तक स्कूल न चला कर ऊपर तक कक्षाएं लगाते हैं जो कि शिक्षा विभाग के नियमों के विरुद्ध है। हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन अपील करती है कि नियमों का पालन करते हुए जिस कक्षा तक मान्यता है उसी कक्षा तक बच्चों को दाखिला दें।
बिना SLC के दाखिला करना शिक्षा विभाग के नियमों के विरुद्ध है। ऐसा करके स्कूलों ने न केवल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है बल्कि अन्य स्कूलों के लिए भी अनेक समस्याएं खड़ी कर दी हैं। इसके लिए हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन शिक्षा विभाग से भी अपील करती है कि ऐसा करने वालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करें ताकि शिक्षा और बच्चों के साथ हो रहे खिलवाड़ पर अंकुश लग सके।
सभी स्कूलों का शिक्षण सत्र 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष 31 मार्च तक रहता है। बच्चों के भविष्य की चिंता न करने वाले और नियमों को अनदेखा करने वाले बहुत से अध्यापक दिसंबर महीने से ही डोर टू डोर प्रचार करना और बच्चे मांगने का काम शुरू कर देते हैं जबकि दिसंबर, जनवरी, फरवरी, मार्च के महीने पढ़ाई के हिसाब से सबसे कीमती होते हैं। इन महीनों में मौसम के हिसाब से भी सबसे अधिक पढ़ाई का समय माना गया है। एसोसिएशन शिक्षा विभाग के नियमों का पालन कराने के लिए पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेगीl
प्रदेश अधयक्ष यादव ने आवाहन किया कि आओ मिलकर शपथ ले कि शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने में ईमानदारी से कार्य करते रहेंगे। कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष श्री रामपाल यादव जी के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी रणबीर सिंह, प्रदेश संरक्षक अनिरुद्ध सचदेवा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश संरक्षक जवाहरलाल दुहन, प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव, जिला अध्यक्ष योगेश तिवारी, सावित्री देवी, बिमला मलिक, सुरेंद्र सिवाच, सतीश सुहाग, संदीप यादव आदि कोर कमेटी के सदस्य शामिल थेl सभी ने मिलकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए मिलकर काम करने का समर्थन किया।
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