Rewari News : न्यायालय ने एक गरीब परिवार का राशन कार्ड बनाए जाने के आदेश दिए

रेवाड़ी के गांव बोडिया कमालपुर निवासी सविता देवी पत्नी श्री अजय सिंह है और गरीब परिवार से है, उनके पति मजदूरी का कार्य करते है।



सविता देवी 2017 से किडनी की बीमारी से ग्रस्त है, सरकारी हस्पताल में डायलसिस की सुविधा न होने के कारण मजबूरन सविता देवी का डायलसिस मजबूरन प्राइवेट हस्पतालों में करवाया गया, जिसमे प्रत्येक माँह लगभग 30,000 से 50,000 रुपये खर्च लगते थे जो कि ये प्रकिर्या लगभग 3 वर्ष तक चली, उसके उपरांत सरकारी हस्प्ताल में डायलसिस की सुविधा सुरु हुई, सरकारी हस्पतालों में भी प्रत्येक माह खर्च लगभग 7 हजार रुपये से 10,000/- रुपये के  लगभग लगता है, सविता देवी के पति सप्ताह में 3 तीन अपनी पत्नी का डायलसिस करवाने में समय लगाते हैं, और बाकी 4 दिन मजदूरी का कार्य करते हैं, अजय कुमार ने अपनी पत्नी के ईलाज के लिये लगभग 10, लाख रुपये का कर्ज भी ब्याज पर ले लिया, परिवार के हिस्से में आने वाली खेती की एक किला जमीन भी पत्नी की बीमारी के लिये रहन (गिर्वी ) रखनी पड़ी,  

पीड़िता के पति को किसी ने अवगत करवाया की अगर उसके परिवार का BPL राशन कार्ड बन  जाये तो प्राइवेट हस्पताल में ईलाज सस्ते दाम पर हो सकता है, जिसके लिये पीड़ित सविता व उसके पति ने BPL राशन कार्ड बनावने के लिये सरकारी अधिकारियो के कार्यालयों के चक्कर भी लगाए, ऑनलाइन आवेदन भी किया परन्तु सरकार के किसी भी अधिकारी ने उनके दुख को नही समझा आखिर वर्ष 2021 में उनकी मुलाकात जिला रेवाड़ी के सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चंद एड्वोकेट से हुई अधिवक्ता के सामने अपनी फरियाद रखते हुए उन्होंने पूरा घटनाक्रम बताया, कैलाश चंद एड्वोकेट ने सबसे पहले उनकी फरियाद ईमेल पत्र के माध्यम से सरकार को भेजी, परन्तु सरकार का बेरुख रवैया देख कर दिनांक 05-05-2021 को जिला न्यायालय रेवाड़ी में सरकार के खिलाफ केस दायर कर दिया,  न्यायालय में केस की पैरवी में पीड़िता व सरकार ने अपना अपना पक्ष रखा, पीड़िता के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष सारे सबूत  रखते हुए अपनी बहस में बताया कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वे नागरिकों के स्वास्थ पर ध्यान दे और सुविधा प्रदान करे, सरकार इस जिम्मेदारी से भाग नही सकती, सारी दलीलें सुनने के बाद दिनांक 21 अप्रैल 2023 को जिला न्यायालय ने पीड़िता के दुख को समझते हुए सरकार को आदेश दिया की पीड़िता का BPL राशन कार्ड एक माँह में बनाकर जारी करे !

कैलाश चंद एड्वोकेट ने बताया कि बड़े सर्म की बात है कि 21 वी सदी में हमारे देश को प्रगतिशील श्रेणी में मानते हैं और हमारे देश मे गरीब परिवारों को अपनी बीमारी का ईलाज करवाने के लिये BPL राशन कार्ड बनवाने के लिये न्यायालयों का सहारा लेना पड़ रहा है, जबकि सरकारी की संविधानिक ओर नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अपने देश के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करे।

इसी प्रकार शिक्षा के छेत्र में हॉल है, गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा के लिये न्यायालयों में जाने को मजबूर हो रहे हैं, इन सब समस्याओं का मुख्य कारण देश मे राजनीतिक लोगो का शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों छेत्रो में अधिपत्य स्थापित होना है, राजनीतिक लोगो के खुद के या उनके रिश्तेदारों के ही हस्पताल व स्कूल है इसलिये गरीब को कोई हक नही मिलता, 

कैलाश चंद एड्वोकेट ने पीड़िता को न्यायालय के आदेश की कॉपी सुपुर्द की ओर एक कॉपी राज्य सरकार को ईमेल से भेजते हुए न्यायालय के आदेश की पालना करके BPL कार्ड बनाने की प्रार्थना की।

अब ये देखना होगा कि न्यायालय के आदेश को कितनी गंभीरता से लेकर पीड़िता का BPL राशन कार्ड बनेगा ओर उसकी बीमारी का ईलाज शुरू होगा।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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