राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर द्वारा 27 मार्च 2023 को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा। समारोह में बावल के मोहल्ला तिवाड़ी चौक निवासी सुधा शर्मा पत्नी श्री संजय शर्मा (एस एस मास्टर) व पुत्री श्री हरद्वारी लाल तिवाड़ी को एम ए फिलोसॉफी (दर्शनशास्त्र) विषय में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा गोल्ड मेडल पहनाकर व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। सुधा शर्मा ने एम ए हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, समाजशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान, भूगोल, फिलॉसफी (दर्शनशास्त्र) सहित सात विषयों में एम ए की परीक्षा उत्तीर्ण कर रखी है। सुधा शर्मा का जन्म 07 अगस्त 1972 को हरद्वारी लाल तिवाड़ी सेवानिवृत मुख्याध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नांगल शहबाजपुर व माता प्रेमलता के घर हुआ।उन्होंने राजकीय महाविद्यालय बावल से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई की।तत्पश्चात उन्होंने बीएड की पढ़ाई की।उसके बाद 10 दिसंबर 1994 को उनका विवाह राजस्थान के अलवर जिले के ग्राम माजरी कलां के सेवानिवृत्त प्राचार्य श्री रामअवतार शर्मा और सेवानिवृत्त प्राध्यापिका श्रीमती पुष्प लता शर्मा के पुत्र श्री संजय शर्मा से हुआ। विवाह के एक वर्ष पश्चात दिसंबर 1995 में उन्होंने राजकीय उच्च विद्यालय तिहाड़ा में प्राथमिक शिक्षिका के पद पर कार्यभार ग्रहण किया,तथा अपनी शिक्षा प्राइवेट(डिस्टेंस) मध्यम से जारी रखी और कुछ वर्षों बाद सामाजिक विज्ञान की अध्यापिका के पद पर पदोन्नति हुई। उन्होंने राजकीय उच्च विद्यालय तिहाड़ा में लगभग 20 वर्षों तक मां सरस्वती की सेवा की और उनसे पढ़े हुए कितने ही छात्र और छात्राएं आज बड़े बड़े पदों पर हैं जिसके लिए तिहाड़ा गांव के ग्रामीण उनका आभार मानते हैं।तत्पश्चात उन्होंने नौकरी के साथ-साथ प्राइवेट एम ए की पढ़ाई की और एक के बाद एक विषय में एम ए करती रहीं।समाजशास्त्र विषय में एम ए करने के बाद समाजशास्त्र की प्रवक्ता के पद पर पदोन्नति हुई।वर्तमान में सुधा शर्मा बावल खंड के गांव नांगल शहबाजपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में समाजशास्त्र की प्रवक्ता हैं। उसके बाद उन्होंने वर्ष 2021 में राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर से फिलोसॉफी(दर्शनशास्त्र)विषय से एम ए की परीक्षा उत्तीर्ण की और विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
उनको लगातार पढ़ने की प्रेरणा उनके पिता श्री एडवोकेट हरद्वारी लाल से मिली जिन्होंने मुख्याध्यापक के पद से सेवानिवृत्त होने के कई वर्ष पश्चात एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण की और उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा स्त्रोत उनकी सास श्रीमती पुष्पलता शर्मा सेवानिवृत हिंदी प्राध्यापिका हैं जिन्होंने विवाह के पश्चात सारी शिक्षा ग्रहण की और नौकरी हासिल की,जिनसे प्रेरणा लेकर सुधा शर्मा ने भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और इस मुकाम तक पहुंची।आमतौर पर पति की सफलता का श्रेय पत्नी को दिया जाता है परंतु सुधा शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पति श्री संजय शर्मा को दिया जो कि बावल के सेंट्रल पब्लिक हाई स्कूल में सामाजिक विज्ञान के अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।उन्होंने बताया कि उन्हें दर्शनशास्त्र विषय में एम ए करने का सुझाव वह प्रेरणा उनके भांजे आचार्य गौरव शर्मा और डॉक्टर कमल कांत शर्मा ने दिया।सुधा शर्मा की इस उपलब्धि पर विद्यालय स्टाफ ने,उनके परिवार ने और क्षेत्रवासियों ने उनको बधाई दी।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें