Pathargama News: त्याग और विश्वास की मूर्ति थी मां शबरी आचार्य पवन जी महाराज




ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- भगवान श्री राम अपने जीवन के वनवास काल में अनेक भक्तों का कल्याण किया ऋषि महात्मा मुनि मनीषी देव दनुज नर किन्नर सभी के जीवन का उद्धार किया और इसके बाद गुप्त गोदावरी से सीधे भगवान पंचवटी पहुंचे | इस रमणीय वन में भगवान निवास कर रहे थे लेकिन माया का मृग बनकर मारीच आया और माता जानकी के द्वारा उसके प्रति आसक्ति जताई गई |

भगवान उसे मारने गए और इधर रावण ने आ कर मां जानकी का हरण कर लंका ले गया | मां जानकी के शोक से बिरहातूर होकर भगवान बन में विचरण कर रहे थे कि अचानक वह भीलनी मिली जो न जाने कितने वर्षों से भगवान के लिए रोज रास्ते साफ करती थी और रोज फूल बिछा दीया करती थी | पंपा सरोवर नाम का आश्रम जहां पर माता भक्तिमति सबरी अपने गुरु के वाक्यों पर विश्वास करके और भगवान का इंतजार कर रही थी | प्रभु श्री राम माता शबरी को दर्शन दिए एवं सद्गति देकर भगवान आगे की यात्रा की |

अन्य प्रसंगों पर भी आचार्य पवन जी महाराज ने प्रकाश डाला किस प्रकार से हनुमान और राम जी का मिलन हुआ, सुग्रीव से मित्रता हुई और बाली का वध हुआ| मालूम हो कि प्रखंड के सिद्ध पीठ मां चिहारी देवी के पवित्र परिसर में चैत्र नवरात्र महोत्सव के पावन उपलक्ष में जनकल्याण चैती दुर्गा पूजन उत्सव समिति के तत्वावधान में अध्यक्ष संतोष कुमार महतो एवं उनके समस्त कार्यकर्ताओं के सहयोग से भक्तिमया वातावरण का प्रादुर्भाव हो गया है | घर-घर में जन-जन में रामकथा का प्रवाह हो रहा है | दूर-दूर से भक्त आते हैं और रात के 11:00 बजे तक बैठकर भगवान की कथा सुनते हैं|

अमन राज:-


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Editor - भूपेन्द्र कुमार चौबे

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