Pathargama News: जग में कूट अनेक हैं पर चित्रकूट अस कूट नहीं- आचार्य पवन जी महाराज



ग्राम समाचार, पथरगामा ब्यूरो रिपोर्ट:- प्रखंड के सिद्ध पीठ चिहारो स्थान में श्री रामकथा के सातवें दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने रामकथा मंदाकिनी में गोता लगाया जहां पर स्वामी पवन जी महाराज ने भक्तों को कथा सुनाते हुए संसार में एक ऐसा कूट जो बड़ा ही विचित्र और दिव्य मनमोहक प्रकृति से सजा हुआ, सुंदर वन्य जीव, चारों तरफ हरे-भरे वृक्ष, कलरव, कालिंदी मां मंदाकिनी की निर्मल धारा | अति सुंदर मंद मंद सुगंधित वायु को प्रवाहित हो रहे हैं | चारों तरफ का मंगलमय वातावरण ऐसा प्रतीत हो रहा है कि देवराज इंद्र के स्वर्ग से भी सुंदर है जिसका नाम चित्रकूट है | भगवान श्री सीता राम चंद्र अपने अनुज लक्ष्मण के सहित वनवास का अधिक समय पावन धाम चित्रकूट में व्यतीत किया | 99 रासो को भगवान चित्रकूट में ही संपन्न किए जब प्रभु श्री रामचंद्र जी के द्वारा 100 वी रास का प्रारंभ हुआ उसी समय इंद्र का बेटा जयंत भगवान के उस रास महोत्सव में विघ्न उत्पन्न करना चाहा | लेकिन भगवान ने सिंक की बाण उठाकर जयंत को मारना चाहा तो तीनों लोकों में जयंत की कोई रक्षा नहीं कर पाया अंत में भगवान उसकी एक आंख फोड़ कर उसको अपने शरण में स्वीकार कर लिया |

अनेक लीलाओं पर भी महाराज ने माता सती और सीता जी का संवाद, अत्रि और श्रीराम का संवाद, सरवन मुनि और सुतीक्षण मुनि संवाद, पंचवटी में लक्ष्मण द्वारा सूर्पनखा का नाक कान काटा जाना, सीता जी का हरण, माता शबरी पर कृपा, श्री राम हनुमान जी मिले, जटायु जी का उद्धार एवं बाली का वध और बनार राज सुग्रीव से मित्रता आदि की कथा को विस्तार से बताया | पूजा समिति के अध्यक्ष नें सभी भक्तों से निवेदन किया कि मां के दरबार में अपनी हाजिरी लगाएं एवं मनोवांछित वरदान पाकर अपनी समस्त इच्छाओं को पूर्ण करें तथा भवसागर से पार उतारने वाली इस रामकथा रूपी नौका का सहारा लेकर अपना परलोक सुधार लें|

अमन राज:-

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Editor - भूपेन्द्र कुमार चौबे

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