पूज्य स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस पर विश्व हिन्दू परिषद एवम आर्य समाज रेवाडी ने संयुक्त कार्यक्रम का आयोजन आर्य समाज मन्दिर सेक्टर 3 रेवाडी में प्रधान धर्मपाल आर्य की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। धर्मपाल आर्य ने बताया कि स्वामी श्रद्धानंद जी का जीवन समाज के लिए एक उदाहरण है। हमे उनके जीवन का अनुसरण करते हुए समाज व देशहित में लगातार कार्य करते रहना चाहिए है।
विश्व हिन्दू परिषद के जिलामंत्री राजकुमार यादव ने बताया कि पूज्य स्वामी श्रद्धानंद परावर्तन के अग्रदूत थे। भारत में आज जो मुसलमान हैं, उन सबके पूर्वज हिन्दू ही थे। उन्हें अपने पूर्वजों के पवित्र धर्म में वापस लाने का सर्वाधिक सफल प्रयास स्वामी श्रद्धानन्द ने किया। स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने के कारण उन्हें एक वर्ष चार माह की सजा दी गयी। जेल से आकर वे अछूतोद्धार तथा मुसलमानों के शुद्धिकरण में लग गये। 1924 में शुद्धि सभा की स्थापना कर उन्होंने 30,000 मुस्लिम (मलकाना राजपूतों) को फिर से हिन्दू बनाया। स्वामी जी द्वारा प्रारम्भ परावर्तन का कार्य क्रमशः पूरे देश में जोर पकड़ रहा था। भारत के मुस्लिमों में अपने देश, धर्म और पूर्वजों का अभिमान जाग्रत होते देख कुछ मुस्लिम नेताओं ने उनके विरुद्ध फतवा जारी कर दिया। 23 दिसम्बर, 1926 को अब्दुल रशीद नामक एक कट्टरपन्थी युवक ने उनके सीने में तीन गोलियाँ उतार दीं। स्वामी जी के मुख से ‘ओम्’ की ध्वनि निकली और उन्होंने प्राण त्याग दिये।
कार्यक्रम समापन पर वहा उपस्थित महिलाओं ने स्वामी जी के बलिदान को याद करते हुए उनकी जीवनी पर गीत के माध्यम से उन्हें कोटिशः नमन किया। इस अवसर सुनील, विक्रम कुमार, पवन ढिलो, सुभाष, सत्यव्रत, शेर सिंह, श्रीभगवान, अनुराग आर्य, गजराज सिंह, सुधा रानी, सुशीला, जय देवी, विश्व हिन्दू परिषद के जिला सह मंत्री संजय गुप्ता, जिला धर्म प्रसार आशीष कुमार, नगर सह मंत्री लालसिंह, विकास कुमार व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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