Rewari News : गुरु तेग बहादुर का हिंदुत्व की रक्षा के लिए शहीद होना इतिहास में अमर रहेगा : महंत कृष्ण नाथ



ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : दुनिया में मानव अधिकारों के लिए शहादत का प्रतीक गुरु तेग बहादुर द्वारा हिंदुत्व की रक्षा के लिए दिया गया बलिदान हमेशा अजर अमर रहेगा। धर्म एवं मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सिखों के नौवें गुरु हिंद की चादर 'गुरु तेग बहादुर जी' के बलिदान दिवस, 17वीं शताब्दी के वीर योद्धा लचित बरफुकन की 410वीं जयंती, किसानों के मसीहा सर छोटूराम की जयंती  पर प्राचीन मां शेरा वाली मंदिर हांसाका, रेवाड़ी के प्रांगण में पुष्पांजलि के पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी यादों को चिरस्थाई बनाने हेतु "ग्रीन हरियाणा- क्लीन हरियाणा"अभियान के तहत पर्यावरण व जल संरक्षण के संदेश के साथ पौधारोपण कर मनाया गया। इस अवसर पर संत कृष्णा नाथ ने कहा हिंद की चादर, भारत की ढाल गुरु तेग बहादुर का हिंदुत्व की रक्षा के लिए शहीद होना देश के इतिहास में हमेशा अजर अमर रहेगा। गुरु तेग बहादुर का औरंगजेब ने मुस्लिम धर्म स्वीकारने करने पर दिल्ली के चांदनी चौक में  सिर कलम कर दिया था। आर्टिस्ट अमन यादव ने कहा औरंगजेब के आदेश से तेग बहादुर को गिरफ्तार कर मुगल शासक के सामने पेश किया गया तो गुरु तेग बहादुर ने इस्लाम स्वीकार करने से मना कर दिया था।



कार्यक्रम के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.आर.के.जांगड़ा विश्वकर्मा, सदस्य, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा सरकार एसटीएफ ने कहा देश और धर्म के लिए कश्मीरी पंडितों की रक्षा हेतु निस्वार्थ बलिदान युवा पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के नोएल किंग ने गुरु तेग बहादुर के बलिदान को दुनिया में मानव अधिकारों के लिए पहली शहादत बताया है।तेग बहादुर का अर्थ तलवार की ताकत होता है। सिख ग्रंथों के साथ-साथ उनको वेद पुराण और उपनिषदों का भी ज्ञान था। सन 1671 में गुवाहाटी के पास मुगलों और अहोम के बीच भयानक और निर्णायक सराय घाट  युद्ध में मुगलों के छक्के छुड़ाने वाले लचित बोरफुकन को आसाम का शिवाजी कहा जाता है। हमारे देश के लोगों को मालूम होना चाहिए कि विदेशी आक्रताओ को स्थानीय वीरों ने कैसे प्राप्त किया। लचित बरफुकन जैसे योद्धाओं ने औरंगजेब जैसे सेनापति को धूल चटाई। ब्रह्मपुत्र नदी की कल कल बहती धाराओं में आज भी सराई घाट के महान युद्ध की गूंज सुनी जा सकती है। अद्भुत समाज सुधारक व राष्ट्रवादी विचारक,किसानों व मजदूरों के मसीहा, रहबर-ऐ-आज़म दीनबंधु चौधरी सर छोटू राम को स्वतंत्रता आंदोलन में महान योगदान के लिए याद किया गया। इस अवसर पर महान स्वतंत्रता सेनानियों महापुरुषों और अमर वीर शहीदों की याद में भी पौधारोपण किया गया।इस अवसर पर अमन यादव, अरविंद कुमार,आरती शर्मा, नीरज मुकदम, दीपक यादव, सुंदरलाल, शेर सिंह, वीर सिंह यादव, गजेंद्र शर्मा, वेद प्रकाश, रामानंद, कर्नल वर्मा, मनोज यादव,सुरेश कुमार,सतीश शर्मा, राजकुमार, उमेद सिंह, महेश शर्मा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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