ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक कर्मी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। बैंक कर्मियों के हड़ताल के कारण गोड्डा क्षेत्र के 52 बैंक शाखाओं में करीब 50 करोड़ के कारोबार के प्रभावित होने का अनुमान है। अरेबिया के आव्हान पर झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ एवं अधिकारी संघ हड़ताल पर रहे। जेआरजीबी कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय सचिव नितेश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में हड़ताली बैंक कर्मियों ने अपने मांगों के समर्थन में स्थानीय गुलजारबाग स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। हड़ताली कर्मचारियों ने इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हड़ताल के कारण गोड्डा में स्थित झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के 22 शाखाओं में ताले लटके रहे। क्षेत्रीय सचिव नितेश कुमार मिश्रा ने कहा कि बैंकों के निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रमुख मांगों में प्रायोजक बैंक मुक्त राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना करना, पर्याप्त मानव शक्ति नियोजन, प्रोन्नति नीति में सुधार, 11 वे वेतन समझौता को पूर्ण रुप से लागू करना, अनुकंपा भर्ती, सभी को पेंशन (सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की तिथि तक), तथा कंप्यूटर इंक्रीमेंट सहित कई मुद्दे शामिल हैं। क्षेत्रीय सचिव नितेश कुमार मिश्रा ने बताया कि ग्रामीणों तक बैंकिंग सेवा को पहुंचाने के उद्देश्य से तत्कालीन केंद्र सरकार ने सन 1975 में 2 अक्टूबर को ग्रामीण बैंकों की स्थापना की थी जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा प्रदान करने व उनकी जमा पूंजी को ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान के लिए उपयोग करना था। ग्रामीण बैंक कर्मियों को द्वारा लगन निष्ठा से कार्य करते हुए बैंक के उद्देश्यों को पूरी तरह से पालन करने की देन है कि आज देश के 23 राज्य एवं 3 केंद्र शासित राज्य में 43 ग्रामीण बैंक 700 जिलों में 2200 शाखाओं एवं 115000 कर्मियों के साथ भली-भांति ग्रामीण जनता के उत्थान के साथ सभी सरकारी कार्यों, जो ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित हैं संपादन कर रहा है। लेकिन केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर अपनी मनमानी कर बैंकों का निजीकरण कर ग्रामीण बैंकों के लिए भी आईपीओ ला रही है। हम सभी बैंक कर्मचारी इसका विरोध करते हैं। सरकार नहीं मानी तो विरोध प्रदर्शन और तेज होगा। मौके पर कुंदन कुमार चौधरी, प्रिंस पराशर, सीनू कुमारी, मीतू कुमारी, निलेश रंजन भारती, संजय कुमार, धर्मेंद्र मुर्मू समेत कई लोग उपस्थित थे।
शशी भगत के सौजन्य से:-
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