ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी : हरियाणा राज्य के काफी गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड आजाद हिद फौज का नामिनल रोल राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से ढूंढ़कर राज्य सरकार को दिया गया था एवं राज्य सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों को आगामी कार्यावाही करने के लिए पुनः बार बार फिर से भी सिफारिश पत्र लिखें जा रहें हैं उपरांत आजादी के अर्मतमहोतसव में ऐसे गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड इतिहास ढुढकर इतिहासकार को जिवनी तैयार करने का दायित्व केन्द्रीय सरकार द्वारा दिया गया है एवं राज्य के इतिहासकार को ऐसे जवानों का रिकॉर्ड दिया गया है जिन्होंने फौगाट को आभार व्यक्त पत्र भी दिया गया है।
राज्य के गाँव के गौरव पटटौ पर द्वितीय विश्व युद्ध अग्रेजी सेना शहीद जवानों का नाम लिखा है ऐसे काफी जवानों का रिकॉर्ड आजाद हिद फौज ढुढकर दिया गया है इसलिए उपायुक्तों के लिए भी स्वतंत्रता सेनानी दर्जा देने की सिफारिश करना मुश्किल हो रहा है एवं इतिहासकार के लिए भी वास्तविक जिवनी तैयार करना मुश्किल हो रहा है
केन्द्रीय सरकार व राज्य सरकार एवं जिलों के प्रशासन द्वारा आम जनता के भी समाचारों में आहवान किया जा रहा है कि यदि किसी भी गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानी के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारियां है तो उसे सरकार तक पहुँचाकर आजादी के अर्मत महोतसव साल में उनकि जिवनी इतिहास डिजिटाइजेशन करवाने में अवश्य मदद करें एवं फौगाट द्वारा काफी समय से द्वितीय विश्व युद्ध अग्रेजी सेना शहीद जवानों कि युनिट आर्मी नमबर नाम पता दिलाने का पुनः बार बार फिर से अनुरोध किया जा रहा है ताकि वह उनका भी आजाद हिद फौज नामिनल रोल राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से ढुढने का प्रयास करें उनहोंने बताया कि ऐसे शहीद जवानों का जो रिकॉर्ड अग्रेजी सेनाओं द्वारा दिया गया था उसके आधार पर सरकार के लिए भी स्वतंत्रता सेनानी होने कि पहचान करना भी आसान नहीं था इसलिए वह गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी रह गए हैं लेकिन ऐसे जवानों का रिकॉर्ड अब आजाद हिद फौज ढुढना सभव है
राज्य के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री एवं मत्रियों एवं विधायकों से फौगाट द्वारा मानवीय आधार पर अपने विधानसभा क्षेत्र के गाँव के गौरव पटों पर द्वितीय विश्व युद्ध अग्रेजी सेना शहीद जवानों का नाम लिखा है ऐसे जवानों कि युनिट आर्मी नमबर नाम पता दिलवाने का अनुरोध यह समाचार से किया है उनहोंने विशवास दिलाया है कि यदि यह जानकारियां मिलती है तो वह आगामी स्वतंत्रता दिवस तक भी सैकड़ों शहीद जवानों का आजाद हिद फौज रिकॉर्ड ढुढकर दे सकते हैं ऐसे जवानों का रिकॉर्ड ढुढने का एक दशक के अनुभव के अनुसार उनहोंने विशवास दिया है एवं ऐसे जवानों के गाँव की जनता या परिवार द्वारा भी यह जानकारियां दे मदद कर सकते हैं
अतः अर्मतमहोतसव साल आजादी के साल में अनेकों गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानी शहीद जवानों कि भी वास्तविक जिवनी तैयार करना सभव है
फौगाट द्वारा बताया है कि यदि राज्य सरकार द्वारा राज्य स्वतंत्रता सेनानी सममान समिति का गठन किया जाता है तो स्वतंत्रता संग्राम में काफी गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा दिए वलिदान का रिकॉर्ड इतिहास जिवनी तैयार करना आसान हो सकता है उससे यह भी पता लगता है कि राज्य के ऐसे काफी जवानों ने अपनी अग्रेजी सेना कि नौकरी को ठोकर मार कर हमें आजादी दिलाने के लिए वलिदान दिया गया था।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें