ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। देवघर के त्रिकूट पर्वत पर हुए हादसे में दुर्घटनाग्रस्त हुए ट्रॉली के बाद मंदार रोपवे की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। त्रिकूट रोपवे पर दुर्घटना होने के बाद कई लोगों के मन में मंदार रोपवे को लेकर संशय हो गया था। लेकिन मंदार में लगाया गया ट्रॉली काफी अत्याधुनिक और टेक्नोलॉजी से लैस है। जिसके वजह से यहां दुर्घटना होने की संभावना नहीं के बराबर है। आर आर पी एल के साइड इंचार्ज मनीष कुमार तिवारी और उनके टीम के द्वारा मेंटेनेंस का कार्य करने के बाद ही रोपवे को पर्यटकों के लिए खोला जाता है। पर्यटन विभाग से तैनात रोपवे मैनेजर दीपक कुमार और आरआरपीएल के साइड इंचार्ज ने बताया कि, प्रतिदिन सुबह 8:00 से 9:00 तक 1 घंटा रोपवे मेंटेनेंस का कार्य किया जाता है। जबकि प्रत्येक बुधवार को रोपवे को बंद कर इसके
मेंटेनेंस का काम किया जाता है। जिसमें मुख्य रुप से स्टेशन और टावर लाइन में लगे पहिए की जांच, जगह-जगह लगाए गए नट बोल्ट, मेन मोटर कपिल बूस, रेस्क्यू इंजन, गियर बॉक्स, ब्रेक, टावर सेफ्टी केविन और हैंगर कनेक्शन बोल्ट सभी केविनों के ग्रीप के अलावा एनीमोमीटर की भी जांच की जाती है। बताया गया कि, इन सारे जांच को आरआरपीएल के जांच कर्मी बीरबल, मिथलेश, राधे सिन्ना, रवि कुमार और विकास कुमार के द्वारा किया जाता है। जबकि अंतिम जांच साइड इंचार्ज के द्वारा होता है। लिखित रूप से यह जांच रिपोर्ट देने के बाद ही रोपवे प्रबंधक पर्यटकों को झूले में बिठाकर पर्वत शिखर पर भेजने का कार्य करते हैं। मालूम हो कि, मंदार में लगा आकाशीय रज्जू मार्ग पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। अगर 35 किलोमीटर की रफ्तार से ज्यादा हवा चलने पर यह खुद ब खुद बंद हो जाता है। इसी खासियत की वजह से यहां पर दुर्घटना होने की संभावना ना के बराबर है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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