ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- "संथालपरगना भाषा एवं खतियान संघर्ष समिति" के मुख्य संयोजक सदस्य संजीव कुमार महतो ने प्रेस विज्ञप्ति द्वारा बताया। उन्होंने कहा कि 23 फरवरी का प्रदर्शन को भव्य बनाने के लिए लगे सदस्यों और जनसमर्थन के कारण संभव हुआ। आयोजन में तमाम आंदोलनकारियों का बेहतरीन केंपेनिंग के साथ राहगिरों व गोड्डा शहर वासियों का सहयोग व पत्रकारों का निश्पक्ष खबर लेखन और पुलिस प्रशासन का निश्पक्ष पहल महत्वपूर्ण रहा है। आयोजन समिति की ओर से सभी का बहुत बहुत आभार । यह आंदोलन झारखंड हीत का है इसलिए अन्य समुदाय की भी सहानुभूति आंदोलन को मिल रहा है। सरकार को वक्त गंवाए वगैर मांगों पर पहल कर आंदोलनकारियों के मांगों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोड्डा समेत संथाल परगना में भी कुड़मालि को जिलास्तरीय भाषा का मान्यता देने एवं राज्य स्तर पर सर्टिफिकेट और जिला स्तर पर भाषा आधारित नियोजन नीति को रद्द कर खतियान आधारित स्थानीयता एवं नियोजन लागू करने के साथ एकीकृत बिहार झारखंड के समय से झारखंड के क्षेत्रीय भाषा के रूप में चिन्हित सभी नौ भाषा को ही झारखंडी भाषा की मान्यता देकर इन भाषाओं को पूरे झारखंड के सभी जिलों में एक-समान मान्यता की मांग को लेकर आंदोलन धारना प्रदर्शन और जुलूस के माध्यम से गोड्डा में आरंभ हुआ है । ये तमाम मांगें झारखंड नव निर्माण की भावना से ओत-प्रोत तमाम झारखंडी जन-मानस के हीत में है। सरकार को इसपर त्वरित पहल कर जनता को और आंदोलित होने से रोक लेना चाहिए और राज्य हीत में मांगों को पूरा करना चाहिए। संयोजक श्री महतो ने ये भी कहा कि धरना प्रदर्शन पदयात्रा कार्यक्रम के दरमियान राहगीरों व आवाजाही के साथ साथ अन्य जिस किसी को किसी तरह का कष्ट कठिनाई जाने अंजाने हुआ हो तो उसे मन में ना रखें और प्रेम सद्भावना बनाए रखें । आंदोलन की नींव भले ही कुड़मि समुदाय ने रखी है लेकिन ये तमाम झारखंडी समुदायों के हक अधिकार का आंदोलन है इसे तन-मन-धन से समर्थन दें। अभी आंदोलन का शुरुआत है जिसे मांग पूरी होने तक चरणबद्ध तरीके से जारी रखना है। शीघ्र ही अगला कार्यक्रम सरजमीनी सुझाव प्राप्त कर संयोजक मंडली तय करेगी। समिति के विस्तार का भी रुपरेखा शीघ्र बनाई जायेगी ताकि जनभागीदारी बढ़े और सरकार मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो आंदोलन को बृहद किया जा सके।
Godda News: आगे की रणनीति के लिए संयोजक मंडल की बैठक शीघ्र- संजीव
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- "संथालपरगना भाषा एवं खतियान संघर्ष समिति" के मुख्य संयोजक सदस्य संजीव कुमार महतो ने प्रेस विज्ञप्ति द्वारा बताया। उन्होंने कहा कि 23 फरवरी का प्रदर्शन को भव्य बनाने के लिए लगे सदस्यों और जनसमर्थन के कारण संभव हुआ। आयोजन में तमाम आंदोलनकारियों का बेहतरीन केंपेनिंग के साथ राहगिरों व गोड्डा शहर वासियों का सहयोग व पत्रकारों का निश्पक्ष खबर लेखन और पुलिस प्रशासन का निश्पक्ष पहल महत्वपूर्ण रहा है। आयोजन समिति की ओर से सभी का बहुत बहुत आभार । यह आंदोलन झारखंड हीत का है इसलिए अन्य समुदाय की भी सहानुभूति आंदोलन को मिल रहा है। सरकार को वक्त गंवाए वगैर मांगों पर पहल कर आंदोलनकारियों के मांगों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोड्डा समेत संथाल परगना में भी कुड़मालि को जिलास्तरीय भाषा का मान्यता देने एवं राज्य स्तर पर सर्टिफिकेट और जिला स्तर पर भाषा आधारित नियोजन नीति को रद्द कर खतियान आधारित स्थानीयता एवं नियोजन लागू करने के साथ एकीकृत बिहार झारखंड के समय से झारखंड के क्षेत्रीय भाषा के रूप में चिन्हित सभी नौ भाषा को ही झारखंडी भाषा की मान्यता देकर इन भाषाओं को पूरे झारखंड के सभी जिलों में एक-समान मान्यता की मांग को लेकर आंदोलन धारना प्रदर्शन और जुलूस के माध्यम से गोड्डा में आरंभ हुआ है । ये तमाम मांगें झारखंड नव निर्माण की भावना से ओत-प्रोत तमाम झारखंडी जन-मानस के हीत में है। सरकार को इसपर त्वरित पहल कर जनता को और आंदोलित होने से रोक लेना चाहिए और राज्य हीत में मांगों को पूरा करना चाहिए। संयोजक श्री महतो ने ये भी कहा कि धरना प्रदर्शन पदयात्रा कार्यक्रम के दरमियान राहगीरों व आवाजाही के साथ साथ अन्य जिस किसी को किसी तरह का कष्ट कठिनाई जाने अंजाने हुआ हो तो उसे मन में ना रखें और प्रेम सद्भावना बनाए रखें । आंदोलन की नींव भले ही कुड़मि समुदाय ने रखी है लेकिन ये तमाम झारखंडी समुदायों के हक अधिकार का आंदोलन है इसे तन-मन-धन से समर्थन दें। अभी आंदोलन का शुरुआत है जिसे मांग पूरी होने तक चरणबद्ध तरीके से जारी रखना है। शीघ्र ही अगला कार्यक्रम सरजमीनी सुझाव प्राप्त कर संयोजक मंडली तय करेगी। समिति के विस्तार का भी रुपरेखा शीघ्र बनाई जायेगी ताकि जनभागीदारी बढ़े और सरकार मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो आंदोलन को बृहद किया जा सके।
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