हरियाणा में हुए यूथ कांग्रेस के चुनाव ने कांग्रेस की राजनीति जमीन को नए सिरे से मजबूत कर दिया। इसका विशेष असर दक्षिण हरियाणा की विधानसभा सीटों पर युवाओं के जोश को देखते हुए साफ तोर से नजर आ रहा है। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में जिस तरह युवा इस चुनाव में छोटे- छोटे कस्बों एवं गांवों में धूम धड़ाके के साथ जश्न मना रहे हैं ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनाव का परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आ गया हो। नांगल चौधरी, नारनौल, महेंद्रगढ़, अटेली, बावल, रेवाड़ी, कोसली से लेकर गुरुग्राम एवं मेवात जिले की सभी विधानसभा सीटों पर युवा दीपेंद्र हुड्डा के सम्मान में जलपान व सम्मान कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। आमतौर पर इस तरह की तस्वीरें पहले नजर नहीं आईं। दीपेंद्र हुड्डा के करीबी एवं बावल विधानसभा के लगातार दो बार अध्यक्ष रह चुके लवली यादव को विशेष तौर से बावल, नारनौल एवं अटेली चुनाव की विशेष जिम्मेदारी सौंपी जिसे लवली ने सभी साथियों का सहयोग एवं समर्थन लेकर बखूबी निभाया ओर कांग्रेस को नए सिरे से इस क्षेत्र में मजबूत कर दिया।
लवली यादव का का कहना है कि दीपेंद्र हुड्डा एक ऊर्जावान- मिलनसार एवं साफ सुथरी छवि के नेता के साथ साथ एक बेहतर इंसान है। इसलिए वे राष्ट्रीय हाईकमान प्रियंका गांधी- राहुल गांधी के लिए रामबाण साबित हुए हैं। दीपेंद्र हुड्डा की दिल से छूने वाली सबसे खास बात यह है कि वे पार्टी में सबसे अंतिम युवा साथी को सबसे पहले गले लगाते हैं। उनमें युवाओं के अंदर जबरदस्त जोश भरने की अदभूत क्षमता है। आने वाले विधानसभा चुनाव में युवाओं को सबसे ज्यादा भागेदारी मिलेगी। सम्मानीय श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विजन, दीपेंद्र सिंह के संकल्प में युवा एक बेहतर भविष्य देख रहे हैं। इसलिए भाजपा- जेजेपी- इनेलो के तमाम कुप्रयासों के बावजूद कांग्रेस के पास आज सबसे ज्यादा युवाओं की फौज है।
प्रदेश में जब भी चुनाव होंगे कांग्रेस की यूथ शक्ति गांव की चौपाल से लेकर शहर के गली मोहल्लों में बेहतर बदलाव के लिए चटटान की तरह नजर आएगी। बावल यूथ अध्यक्ष एडवोकेट अनिल का कहना है कि हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में करवाए गए विकास कार्यों को आगे बढ़ाना तो दूर भाजपा- जेजेपी सरकार उनके द्वारा विकास की खड़ी इमारतों पर रंग पेंट तक नहीं करवा पाई है। चारों तरफ त्राही त्राही मची हुई हैं। जाति- पाति धर्म से भाई- भाई के बीच में नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है। किसान- मजदूर एवं व्यापारियों का गला घोंटा जा रहा है।
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