ग्राम समाचार,चांदन,बांका। सरकार द्वारा गरीबों को मिलने वाली खाद्यान्न चावल गेहूं इन दिनों पीडीएस दुकानदारों को घटिया किस्म के चावल वितरण किया जा रहा है जिससे उपभोक्ता को मजबूरन खाद्यान्न उठाव कर ओने पौने दाम में बाजारों में बेचने को विवश है. एक तरफ सरकार कहती हैं राज्य के लोग कोई भी घर का सदस्य भुखा नहीं रहेगा। जिसे लेकर कोरोना गाइडलाइन के आलोक में गरीबों को फ्री राशन मुहैया करा रही है। लेकिन ऐसे खाद्यान्न उपलब्ध कराई जा रही कि लोग क्या खाएंगे जानवर को भी खाने लायक नहीं है सड़ा हुआ चावल टुटा कुंडा सम्मिलित गैंहू दिया जाता है फिर भी मजबूरी बस खाद्यान्य उपभोक्ता राशनकार्ड
धारी खाद्यान्न उठाओ करने को मजबूर है। खाद्यान्न इतनी घटिया किस्म की उपलब्ध कराई गई है की उपभोक्ता खाद्यान्न उठाकर वही खाद्यान्न बाजारों में ओने पौने दस से बारह रूपए किलो के बेच कर बाजारों से ऊंचे दामों में खरीद कर किसी तरह गरीब परिवार पेट पाल रहा है जिसे देखने वाला कोई अधिकारी नहीं है। इस संबंध में कुछ ग़रीब राशनकार्ड धारी उपभोक्ताओं ने बताया कि उसना चावल मिलता था तो हम सब परिवार का गुजर बसर चल जाता था। लेकिन अक्सर पीडीएस दुकानदार के द्वारा घटिया किस्म का चावल गेहूं वितरण किया जा रहा है। जो खाने लायक है ही नहीं मजबूरी बस घर में रखे जानवरों को खिलाना पड़ता है या बाजार में बेच देना पड़ता है। इस संबंध में कुसुम जोरी पंचायत के दहगिलवा गांव निवासी पीडीएस दुकानदार प्रेम रविदास से पूछे जाने पर बताया कि पैक्स से खरीदा हुआ थान कि चावल हम पीडीएस दुकानदार को उपलब्ध कराई गई है चाहे जैसे भी हो हमें खाद्यान्न वितरण करना ही है।
उमाकान्त साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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